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यहां 800 साल पहले करौंदे के पेड़ से निकला शिवलिंग बना आस्था का केंद्र

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गोंडा. यूपी के गोंडा जिले के मछली बाजार में एक ऐसा शिवलिंग है जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. कहा जाता है कि ये शिवलिंग 800 साल पुराना है. लोगों की मान्यता है कि ये शिवलिंग करौंदे के पेड़ से निकाला है. जो भी भक्त इस शिवलिंग पर 16 सोमवार जलाभिषेक करता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है.

Bharat.one से बातचीत में मंदिर के पुजारी रमेश गिरि बताते हैं कि पहले यहां बहुत घना जंगल था. जंगल की कटाई हो रही थी. कटाई के समय करौंदे के पेड़ को जब लकड़हारे काटने लगे तो वहां से रक्त की धारा बहने लगी. वहीं पर शंकर जी का ये शिवलिंग मिला था, जो आज मनकापुर के मछली बाजार में स्थित है. इस शिवलिंग को बाबा करौंहा नाथ के नाम से जाना जाता है. आज भी शिवलिंग पर कुल्हाड़ी के निशान मौजूद हैं.

क्या है मंदिर का इतिहास
करौंहा नाथ मंदिर का इतिहास प्राचीन है. यहां गहड़वाल राजा गोविंद चंद्र देव ने शिवलिंग स्थापित करवाया था. बाद में मनकापुर के राजा रघुराज प्रताप सिंह ने 1904 में संगमरमर के पत्थरों से शिव मंदिर का निर्माण कराया.

क्या है पौराणिक महत्व
करौंहा नाथ को भगवान शिव के एक रूप और शिवभक्त के रूप में पूजा जाता है. स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार, इसी स्थान पर भगवान शिव ने तप किया था. इस जगह को तपस्वियों और योगियों का विशेष शक्ति-स्थल माना जाता है.

कब-कब लगता है मेला
करौंहा नाथ धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है. यहां पर हर साल मेला और धार्मिक उत्सव होते रहते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां विशेष आयोजन होते हैं. हर शुक्रवार, सोमवार, तेरस और धनतेरस पर यहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है.

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