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Hanuman Garhi Mandir: फर्रुखाबाद के भोलेपुर में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर 500 वर्ष पुराना है. यहां मिट्टी और गोबर से बनी हनुमान जी की दुर्लभ प्रतिमा है. मंदिर में रोज पूजा-अर्चना, हवन और भंडारा होता है.

फर्रुखाबाद के भोलेपुर में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर.
हाइलाइट्स
- हनुमान गढ़ी मंदिर फर्रुखाबाद में 500 वर्ष पुराना है.
- मिट्टी और गोबर से बनी हनुमान जी की दुर्लभ प्रतिमा है.
- मंदिर में रोज पूजा-अर्चना, हवन और भंडारा होता है.
Hanuman Garhi Mandir/फर्रुखाबादः यूपी के फर्रुखाबाद के भोलेपुर में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर 500 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है. हर सुबह 8 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुलते हैं, हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है. यहां विशेष मंत्रोच्चारण के साथ रामभक्त हनुमान जी को चोला अर्पित किया जाता है. इसके साथ ही सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और भजन संध्या जैसे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं.
इस मंदिर में फर्रुखाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं. जब उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, तो वे मंदिर में 11 किलो से लेकर 160 किलो तक के धातु से बने के घंटे अर्पित करते हैं. मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार के साथ-साथ 24 फीट ऊंची हनुमान जी की भव्य प्रतिमा भी विराजमान है.
मिट्टी और गोबर से बनी हनुमान जी की प्रतिमा
आपने अब तक हनुमान जी की कई मूर्तियां देखी और सुनी होंगी- ज्यादातर ईंट, पत्थर और सीमेंट से बनी होती हैं. लेकिन इस मंदिर में मिट्टी और गोबर से बनी श्रीरामभक्त हनुमान जी की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है. यह मूर्ति उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संजोए हुए है.
यह मंदिर फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है और भोलेपुर में विराजमान प्रभु हनुमान यहां भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र हैं. हर दिन यहां पूजा-अनुष्ठान, हवन-पूजन, प्रसाद वितरण और भंडारा का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.
अंग्रेजों को भी सिखाया था सबक
मंदिर के महंत मोहनदास जी महाराज ने लोकल18 से बातचीत में बताया कि भले ही फर्रुखाबाद में कई हनुमान मंदिर हों, लेकिन भोलेपुर स्थित यह मंदिर इतिहास और आस्था दोनों के लिहाज से सबसे खास है.
कहा जाता है कि- एक बार अंग्रेजों का काफिला इस मंदिर के रास्ते से गुजर रहा था. उनमें से कुछ लोगों ने मंदिर को महत्वहीन बताया. लेकिन तभी एक घटना घटी और उनकी बग्गी सड़क पर पलट गई. इसके बाद, अंग्रेजों ने इस भव्य मंदिर के लिए मुख्य प्रवेश द्वार बनवाया. तब से यह मंदिर और भी अधिक श्रद्धा का केंद्र बन गया.
अब हर रोज यहां भक्तों का तांता लगा रहता है जो अपनी फरियाद लेकर इस मंदिर में बड़ी आस्था के साथ आते है और बजरंगबली उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.