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यूपी के इस मंदिर में मुस्लिम लड़की करती थी पूजा, घने जंगलों में मुगल कालीन ईंटों से हुआ है निर्माण, शेर भी टेकने आता था माथा

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Rampur Mata Bal Sundari Mandir: यूपी में रामपुर के पिपली के घने जंगल में माता बाल सुंदरी का एक अनोखा मंदिर है. यहां नवरात्रि के सीजन में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. मान्यता है कि हर शनिवार को यहां जंगल से शेर आ…और पढ़ें

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अकबर के दौर में भी गूंजती थी माता की महिमा, जब हर शनिवार शेर आता था माथा टेकने

हाइलाइट्स

  • माता बाल सुंदरी का मंदिर रामपुर के पास स्थित है.
  • हर शनिवार को मंदिर में शेर माथा टेकता था.
  • 6 अप्रैल 2025 को भव्य रात्रि जागरण का आयोजन होगा.

रामपुर: यूपी के रामपुर जिले से करीब 40-45 किलोमीटर दूर पिपली के घने जंगलों के बीच माता बाल सुंदरी का एक प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर आस्था और चमत्कार का अनोखा संगम माना जाता है. सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. बताया जाता है कि इस मंदिर की ईंटें अकबर और मुगलों के जमाने की हैं.

जूना अखाड़े के मंहत ने बताया

वहीं, जूना अखाड़े के महंत सोमनंद सरस्वती ने बताया कि इस मंदिर से एक ऐतिहासिक घटना भी जुड़ी हुई है. मान्यता है कि एक मुस्लिम लड़की माता की पूजा किया करती थी. जब उसे रोका गया, तो उसके बाद भी उसने पूजा करनी नहीं छोड़ी. इसके बाद मुगलों ने मंदिर के पास गाय का वध कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में महामारी फैल गई.

नाराज होकर चली गईं थी माता रानी

कहा जाता है कि माता इस घटना से नाराज हो गईं और गुस्से में आकर मंदिर का गुंबद फाड़कर काशीपुर चली गईं. जब चारों ओर विनाश फैलने लगा, तो लोगों ने माता से माफी मांगी और उन्हें वापस लाने के लिए मन्नतें मांगी. इसके बाद माता दोबारा पिपली वन में विराजमान हो गईं. मंदिर से जुड़ी एक खास मान्यता यह भी है कि हर शनिवार माता की सवारी, यानी शेर यहां आकर माथा टेकता था. कहा जाता है कि यह स्थान माता की शक्ति से भरा हुआ है.  यहां जो भी सच्चे मन से आता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

हर शनिवार को यहां लगता है मेला

हर शनिवार को इस मंदिर में भारी मेला लगता है. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं. इस दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही भंडारे का आयोजन किया जाता है. लोग माता को प्रसाद चढ़ाकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. मंदिर के महंत बताते हैं कि यहां दर्शन करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.

6 अप्रैल को होगा भव्य जागरण

आज भी यह मंदिर आस्था और चमत्कार का प्रतीक बना हुआ है. यहां 6 अप्रैल 2025 के दिन रविवार को भव्य रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु माता के भजन-कीर्तन करेंगे. अगले दिन 7 अप्रैल को विशाल भंडारे का आयोजन होगा. जहां भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे. हर साल नवरात्रि में यहां बड़े आयोजन होते हैं, जिनमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.

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