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ये है वो पवित्र स्थान, जहां रावण के मामा का वध करने के बाद हनुमान जी ने किया था स्नान


विशाल तिवारी /सुल्तानपुर: विजेथुआ महावीरन धाम, सूरापुर-सुलतानपुर में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है. यहां मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. इस मंदिर की एक विशिष्ट कथा रामायण से जुड़ी है. जब भगवान हनुमान लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, तो उन्होंने इसी स्थान पर कालनेमि नामक दैत्य का वध किया था और कुछ समय विश्राम किया था. इस स्थान पर स्थित मकर कुंड में हनुमान जी ने स्नान भी किया था, जो मंदिर के पास ही है. रावण ने भगवान राम के कार्य में बाधा डालने के लिए कालनेमि को नियुक्त किया था.

लोगों का मानना है कि हनुमान जी का दाहिना पैर पाताल लोक तक चला गया था. इस दावे की जांच के लिए पुरातत्व विभाग ने खुदाई करवाई, लेकिन पैर का अंत नहीं मिल सका. यहां हनुमान जी की एक पत्थर की प्रतिमा स्थापित है, जो न केवल सुल्तानपुर जिले के लोगों के लिए, बल्कि आसपास के कई जिलों जैसे जौनपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर और प्रतापगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. खासतौर पर मंगलवार और शनिवार को यहां मेले जैसा वातावरण होता है.

मकड़ी द्वारा दैत्य कालनेमि का संकेत
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान हनुमान मकर कुंड की ओर पानी पीने जा रहे थे, तो एक मकड़ी ने उनके कान में कालनेमि दैत्य की छद्मवेश में उपस्थिति की सूचना दी. इसके बाद हनुमान जी ने तुरंत कालनेमि का वध कर दिया. इसी स्थान पर बाद में एक मंदिर स्थापित किया गया, जिसे अब मकड़ी कुंड के नाम से जाना जाता है. यहां आने वाले श्रद्धालु इस कुंड में स्नान कर या हाथ-पैर धोकर ही हनुमान जी के दर्शन और पूजन करते हैं.

विजेथुआ महावीरन धाम तक कैसे पहुंचें?
विजेथुआ महावीरन धाम पहुंचने के लिए पहले सुल्तानपुर शहर आना होता है, जो लखनऊ या अन्य केंद्रों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है. सुल्तानपुर से कादीपुर की दूरी लगभग 40 किमी है, जहां से सूरापुर बाजार तक 8 किमी का सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद बिजेथुआ हनुमान मंदिर धाम तक पहुंचने के लिए दक्षिण दिशा में 2 किमी की दूरी तय करनी होती है. धाम तक जाने के लिए सड़क मार्ग भी काफी अच्छा है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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