Thursday, November 13, 2025
17 C
Surat

रमजान स्पेशल: नमाज के साथ तरावीह पढ़ना क्यों है जरूरी, जानिए इसका महत्व


Last Updated:

रमजान का महीना इस्लाम धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. 2 मार्च से शुरू हुए इस महीने में रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है. रमजान में तरावीह की नमाज पढ़ना सुन्नत है.

X

अल्लाह

अल्लाह के साथ नजदीकियां बढ़ाने के लिए तरावीह पढ़ना है जरूरी

हाइलाइट्स

  • रमजान इस्लाम धर्म में पवित्र महीना माना जाता है.
  • रमजान में तरावीह की नमाज पढ़ना सुन्नत है.
  • तरावीह की नमाज ईशा के बाद और वित्र से पहले पढ़ी जाती है.

अंकुर सैनी/सहारनपुर. इस्लाम धर्म में रमजान का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस महीने में रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है. भारत में 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत खास माना जाता है. रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान साल का नौवां महीना होता है. रमजान के पूरे महीने में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देने पर शव्वाल की पहली तारीख को खुदा का शुक्रिया अदा करते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं.

रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छे कार्य करने से 70 गुना अधिक सवाब मिलता है. रमजान में हर मुस्लिम पांच वक्त की नमाज जरूर अदा करता है, लेकिन नमाज के साथ-साथ रमजान में तरावीह की नमाज पढ़ना सुन्नत है. इसका मतलब है ‘आराम और विश्राम’. यह नमाज ईशा की नमाज के बाद और वित्र की नमाज से पहले पढ़ी जाती है. रमजान में तरावीह की नमाज पढ़ने से अल्लाह के साथ संबंध बढ़ता है और सवाब मिलता है.

तरावीह पढ़ना क्यों जरूरी
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गोरा ने Bharat.one से बात करते हुए बताया कि रमजान मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र महीना है. इसकी फजीलत कुरान और हदीसों में बताई गई है. रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना है क्योंकि इस महीने में जो भी नेक काम होता है उसका सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है. रमजान महीने में हर दिन रोजे रखे जाते हैं और यह हर बालिग मुसलमान पर फर्ज होते हैं. नमाज की बात करें तो रमजान में भी उतनी ही नमाज पढ़ी जाती है जितनी बिना रोजों के प्रतिदिन पढ़ी जाती है. नमाज हर मुसलमान पर फर्ज है और अगर कोई नमाज को छोड़ता है तो वह गुनहगार होता है.

नमाज से पहले पढ़ें तरावीह
नमाज के साथ-साथ रमजान में एक और चीज ऐड हो जाती है जिसे तरावीह कहा जाता है. यह नमाज ईशा की नमाज के बाद और वित्र की नमाज से पहले पढ़ी जाती है. इसे अलग-अलग रिवायतों में सुन्नत-ए-मुवक्किदा बताया गया है, यानी इसे पढ़ना जरूरी है और ज्यादातर उलेमा इस पर इत्तिफाक रखते हैं.  रमजान का महीना पवित्र होता है इसलिए इसमें सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है. रमजान महीने में लोग दान करते हैं, जकात निकालते हैं और इस महीने में जो रूहानियत होती है वह तमाम मजाहिब के मानने वालों को भी नजर आती है. जो लोग तरावीह नहीं पढ़ते उनके लिए अलग-अलग बातें कही गई हैं, लेकिन जो चीज आपके ऊपर फर्ज कर दी गई है उसे आपको जरूर करना चाहिए, नहीं तो आप गुनहगार ठहरते हैं.

homedharm

रमजान में तरावीह की अहमियत: नमाज के साथ इसे पढ़ना क्यों है खास, जानें वजह

Hot this week

Health Tips | Diabetes Diet | Best Fruits for Diabetic Patients | Diabetes Control Foods | Natural Sugar Control | Healthy Fruits for Diabetes...

Last Updated:November 13, 2025, 05:47 ISTHealth Tips: डायबिटीज...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img