Friday, November 21, 2025
21 C
Surat

राजस्थान के इस मंदिर में 40 दिनों तक खेली जाती है होली, मथुरा-वृंदावन जैसा होता है आनंद, 1000 साल पुराना रिवाज


Last Updated:

Jodhpur News: जोधपुर के भीतरी शहर में प्राचीन गंगश्याम जी मंदिर में आज भी वृंदावन की तर्ज पर होली खेलने की परंपरा चली आ रही है. . यहां होली सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि 40 दिनों तक चलता है.

X

जोधपुर

जोधपुर शहर में प्राचीन गंगश्याम जी मंदिर 

जोधपुर राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी  है. जोधपुर के भीतरी शहर में प्राचीन गंगश्याम जी मंदिर में आज भी वृंदावन की तर्ज पर होली खेलने की परंपरा चली आ रही है. यहां होली सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि फागुन माह की शुरुआत से लेकर रंग पंचमी तक कुल 40 दिनों तक भगवान कृष्ण के सम्मुख होली के गीतों के साथ कृष्ण भक्त के रंग में रंगे श्रद्धालु अबीर- गुलाल ओर फूलों से होली खेलते हैं.

आपसी एकता, प्यार,मोहब्बत और राधा कृष्ण की भक्ति को समर्पित होली के त्यौहार के चलते होली से पहले कृष्ण मंदिरों में गुलाब और फूलों की होली भगवान श्री कृष्णा और राधा के साथ खेले जाने की परंपरा का लगातार निर्वहन किया जा रहा है यही वजह है कि जोधपुर के पारंपरिक कृष्ण मंदिरों में गुलाल उड़ रहे हैं और फूलों की होली की जा रही है.होली का त्योहार, रंगों का त्योहार, खुशियों का त्योहार,मिठास का त्यौहार और भगवान की भक्ति का त्योहार …खास तौर पर राधा कृष्ण की होली में जोधपुर के भीतरी शहर के लोग कुछ इस तरह से रम जाते हैं मानो वे नियमित रूप से इसी तरह की होली के रंगों में सरोबार होने को आतुर रहते हैं.

पूर्व न्यायाधीश भी होली के गीत भी गा रहे ओर आमजन से की अपील
जोधपुर के घनश्याम जी मंदिर से लेकर रातानाडा के कृष्ण मंदिर में जिस तरह महिलाओं का, और बुजुर्गों का हुजूम उमड़ रहा है,वह देखने लायक है और राधा कृष्ण के साथ गुलाल और फूलों की जो होली खेली जा रही है उससे उनकी मस्ती साफ तौर पर दिखाई दे रही है. खुद राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास होली के गीत भी गा रहे हैं और बरसों से जिस परंपरा का निर्वहन गुलाल और फूलों की होली से कर रहे हैं,उसका उल्लेख भी बता रहे हैं. महिलाएं भी बढ़ चढ़कर गुलाल और फूलों की होली भगवान श्री कृष्ण के साथ खेल रही है.

40 दिनों तक लगातार होली  चलता होली महोत्सव
हर वर्ष बसन्त पंचमी से रंग पंचमी तक दोपहर 12 बजे से 2 बजे और शाम 8 से रात 10 बजे तक गुलाल से होली खेली जाती है. फाल्गुन माह में हर रोज यहां 200 से 300 किलो गुलाल की खपत होती है. गुलाल के साथ यहां फूलों से होली खेलने का भी आयोजन किया जाता है. आख़िरी दिन रंग पंचमी को यहां रंग दसे होली खेली जायेगी साथ ही शाम को पण्ड्या नृत्य का आयोजन होगा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि घनश्याम जी का मंदिर एक ऐसा ऐतिहासिक स्थान है जहा 40 दिनों तक लगातार होली महोत्सव चलता है. जहां प्रेम से भक्ति से और अपनेपन के भाव से भगवान श्री कृष्ण के समुख होली का त्यौहार मनाया जाता है.

1818 से शुरू हुई यह परंपरा
शहर परकोटे में स्थित 263 वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक गंगश्यामजी मंदिर की अपने आप में अनूठी धार्मिक मान्यता है. राजशाही शासन से भी पूर्व से चली आ रही है. यह परंपरा आज भी जीवित है. जहां प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में यहां प्रतिदिन रंगोत्सव के रूप में होली खेली जाती है. जिसमें सैकड़ो की संख्या में कृष्ण भक्ति मंदिर प्रांगण में आते हैं. वृंदावन की तर्ज पर मनाए जाने वाली इस होली में न सिर्फ सनातनी बल्कि विदेशी लोग भी इस होली को देखने और खेलने आते हैं. वर्ष 1818 से शुरू हुई यह परंपरा आज के समय में भी कायम है जहां वैष्णव संप्रदाय से जुड़े पुजारी पीढ़ी दर पीढ़ी आज भी मंदिर में पुजारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

homedharm

राजस्थान के इस मंदिर में 40 दिनों तक खेली जाती है होली, जानें मान्यता

Hot this week

ताउम्र रहना है सेहतमंद, तो सुबह

https://www.youtube.com/watch?v=peFf_eCxnco Benefits Of Pranayams: सुबह उठते से ही मोबाइल...

गट हेल्थ बन जाएगा लोहे सा मजबूत! डॉक्टर से जानिए क्या करना चाहिए क्या नहीं

https://www.youtube.com/watch?v=AZhHGruHjBQ दिमाग का रास्ता पेट से होकर जाता है....

Topics

ताउम्र रहना है सेहतमंद, तो सुबह

https://www.youtube.com/watch?v=peFf_eCxnco Benefits Of Pranayams: सुबह उठते से ही मोबाइल...

गट हेल्थ बन जाएगा लोहे सा मजबूत! डॉक्टर से जानिए क्या करना चाहिए क्या नहीं

https://www.youtube.com/watch?v=AZhHGruHjBQ दिमाग का रास्ता पेट से होकर जाता है....
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img