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रामायण सर्किट में शामिल हुआ औरंगाबाद का सीता थापा मंदिर, भगवान राम और माता सीता ने किया था यहां विश्राम!


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Seeta Thapa Temple: औरंगाबाद के मदनपुर में चारों तरफ पहाड़ों से घिरे सीता थापा मंदिर बिहार का पहला ऐसा मंदिर हैं जिसका उल्लेख रामायण में भी हैं. बिहार का ये पहला मंदिर हैं, जहां भगवान विष्णु के दशावतार की प्रति…और पढ़ें

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सीता

सीता थापा मंदिर

हाइलाइट्स

  • सीता थापा मंदिर रामायण सर्किट में शामिल हुआ.
  • मंदिर में भगवान विष्णु के दशावतार की प्रतिमा है.
  • हर साल 20,000 से ज्यादा पर्यटक मंदिर आते हैं.

औरंगाबाद:- जिले में ऐसे तो कई धार्मिक और पौराणिक स्थल हैं, लेकिन औरंगाबाद के मदनपुर में चारों तरफ पहाड़ों से घिरे सीता थापा मंदिर बिहार का पहला ऐसा मंदिर हैं जिसका उल्लेख रामायण में भी हैं. बिहार का ये पहला मंदिर हैं, जहां भगवान विष्णु के दशावतार की प्रतिमा स्थापित है. मंदिर के पुजारी बताते हैं, कि यह मंदिर त्रेतायुग से संबंधित बताया जाता है. इस मंदिर में हर साल 20 हज़ार से ज्यादा पर्यटक घूमने और दर्शन करने आते हैं

पिंडदान के बाद सीता थापा में रुके भगवान
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम मां सीता और लक्ष्मण, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद घर लौटे. जिसके बाद भगवान राम अपने पिता का पिंडदान करने के लिए फल्गु नदी के तट पर गया में पहुंचे, उनके साथ मां सीता और लक्ष्मण भी थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है, कि भगवान ने गया से लौटने के क्रम में सीता थापा में आराम किया था. आपको बता दें, कि आज भी इस पहाड़ पर मां सीता के हथेली का चिन्ह दिखाई देता है.

वहीं, इस सीता थापा मंदिर परिसर में एक सीता कुंड भी है, जिसे दूधिया कुंड कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम और मां सीता ने यहां जलाभिषेक किया था. इस कुआं का पानी दूध की तरह सफेद है.

सालाना हजारों पर्यटक आते हैं दर्शन करने
आपको बता दें इस मंदिर में हर साल 20 हज़ार से ज्यादा पर्यटक घूमने और दर्शन करने आते हैं. सीता थापा के महत्व की वजह से ही इस मंदिर को रामायण सर्किट में शामिल किया गया है. बता दें इस सर्किट में सीतामढ़ी में स्थित सीता मां की जन्मस्थली, बक्सर का रामरेखा घाट, भोजपुर का तार और दरभंगा का अहिल्या स्थान, पश्चिमी चंपारण का वाल्मीकि नगर, जानकी गढ़ पनौराधाम शामिल हैं.

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रामायण सर्किट में शामिल हुआ औरंगाबाद का सीता थापा मंदिर, क्या है इसका इतिहास?

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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