रीवा: रीवा जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित गुरगी गांव में प्रदेश का दूसरा प्रसिद्ध वाघेश्वर धाम स्थित है, जहां हनुमान जी का सिद्ध मंदिर मौजूद है. इस पवित्र स्थल पर श्रद्धालु जो भी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. यह स्थान भक्तों की आस्था और श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.
बालाजी धान के समान है यहां बजरंगबली की कृपा
मंदिर के पुजारी, चंद्रमा दास महाराज, बताते हैं कि यहां बजरंगबली की कृपा बालाजी धाम के समान ही होती है. उन्होंने यह भी साझा किया कि वह स्वयं एक बार इस मंदिर के पास से गुजर रहे थे, केवल दर्शन करने के उद्देश्य से रुके थे. लेकिन प्रभु की कृपा से, वे यहां स्थायी रूप से बस गए. चंद्रमा दास महाराज, जो श्रीधाम वृंदावन के रहने वाले हैं, पिछले पांच वर्षों से इस मंदिर में सेवा कर रहे हैं. इस दौरान, कई श्रद्धालुओं ने यहां भंडारे का आयोजन किया है, अपनी मनोकामनाओं के पूर्ण होने के बाद.
जानें क्या है मंदिर का इतिहास
इतिहासकार असद खान के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण कर्चुलिकालीन राजा कर्णडीह द्वारा नौवीं शताब्दी में करवाया गया था. इस क्षेत्र में एक किला भी था, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. गुरगी के ग्रामीणों का कहना है कि इस मंदिर के प्रति उनकी गहरी आस्था है और यह उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. वे बताते हैं कि उनके पूर्वजों से यह मंदिर और इसकी महत्ता उनके परिवारों में पीढ़ियों से चली आ रही है.
हर साल नागपंचमी के अवसर पर इस मंदिर में एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इसके अलावा, हर महीने यहां कोई न कोई भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर भंडारे का आयोजन करता है. इस मंदिर की ख्याति अब धीरे-धीरे दूर-दूर तक फैल रही है, और भक्तों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है.
ग्रामीणों की आस्था
ग्रामीणों के अनुसार, जो भी भक्त बिना कुछ कहे हनुमान जी की परिक्रमा करता है और अपनी मनोकामना मांगता है, उसकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. अपनी मन्नत पूरी होने पर भक्त लौटकर आते हैं और मंदिर में भंडारे का आयोजन करते हैं, जिससे यह स्थान और अधिक प्रसिद्ध हो रहा है. अब गुरगी धाम लोगों के बीच व्यापक रूप से चर्चित हो चुका है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है.
FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 16:15 IST







