Tuesday, September 30, 2025
28 C
Surat

शनि की एक नजर रंक को बना देती है राजा, कर्मों के मुताबिक मिलता है फल, न्याय के देवता नहीं करते गलती!



ऋषिकेश: शनि की साढ़ेसाती का नाम सुनते ही लोग अक्सर डर जाते हैं. हमारे समाज में यह धारणा गहराई से बैठी हुई है कि साढ़ेसाती हमेशा अशुभ होती है. अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की समस्या या कठिनाई होती है, तो उसका कारण शनि को ही मान लिया जाता है. शनिदेव के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण और डर इतना बढ़ चुका है कि इसे केवल नुकसान और संकट का ग्रह मान लिया गया है. हालांकि, वास्तविकता इससे अलग है.

ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक कठोर न्यायाधीश माना गया है. यह हमारे कर्मों का फल देने वाला ग्रह है. शनि को अशुभ ग्रह जरूर कहा गया है, लेकिन इसके प्रभाव का अंतिम परिणाम हमेशा सकारात्मक और लाभकारी हो सकता है. यह व्यक्ति को कठिनाइयों के दौर से निकालकर उसे आत्मनिर्भर, कर्मशील और दृढ़ बना देता है.

शनि कष्ट नहीं देते, मजबूत बनाते हैं
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित गृह स्थानम के ज्योतिष अखिलेश पांडेय ने बताया कि शनि की साढ़ेसाती को लेकर समाज में फैले भ्रम को दूर करना जरूरी है. यह केवल कष्टकारी समय नहीं है, बल्कि व्यक्ति को मजबूती, आत्मनिर्भरता और प्रगति का अवसर देने वाला दौर है.

यह समय व्यक्ति के कर्मों का हिसाब-किताब करने का होता है. अगर आप सही मार्ग पर हैं और ईमानदारी से अपने कर्म कर रहे हैं, तो साढ़ेसाती का अनुभव आपके लिए सकारात्मक और सुखद हो सकता है. शनि हमें सिखाते हैं कि कठिनाइयों के बाद ही सफलता का असली स्वाद मिलता है.

साढ़े साती शुभ या अशुभ….
शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को तीन मुख्य चरणों से गुजरना पड़ता है. ये चरण उसकी कुंडली में शनि की स्थिति और उसके कर्मों के आधार पर शुभ या अशुभ प्रभाव डालते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि शुभ और मजबूत स्थिति में होता है, उनके लिए साढ़ेसाती जीवन में प्रगति, सफलता और समृद्धि का द्वार खोल सकती है. वहीं, जिनकी कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ स्थान पर होता है, उनके लिए यह समय चुनौतियों और कठिनाइयों से भरा हो सकता है.

शनि कि स्थिति पर निर्भर करता है सब
शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करता है. अगर शनि मजबूत और शुभ स्थान पर हो, तो यह समय व्यक्ति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है. ऐसे व्यक्ति की किस्मत चमकती है, घर में शुभ कार्य होते हैं और उन्हें नई संपत्ति, वाहन और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है.

वहीं, यदि शनि कमजोर, नीच राशि में, शत्रु स्थान पर या अशुभ स्थिति में हों, तो साढ़ेसाती कठिन समय लेकर आती है. इस दौरान शनि कुपित होकर जीवन में बाधाएं और नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए, कर्मों और शनि की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है.

साढ़ेसाती का सकारात्मक पक्ष
– साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को मेहनत करनी पड़ती है. यह समय व्यक्ति को कर्मशील बनाता है और उसे जीवन के असली संघर्षों से अवगत कराता है.

– शनि व्यक्ति को उसके भीतर छिपी कमजोरियों और दोषों को पहचानने का अवसर देता है. यह आत्मनिरीक्षण और सुधार का समय होता है.

– साढ़ेसाती व्यक्ति को धर्म और आध्यात्म की ओर आकर्षित करती है. यह उसे मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है.

– जिनकी कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होता है, उनके लिए यह समय नई उपलब्धियां और प्रगति लेकर आता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

Dussehra Astrological remedies। दशहरा के 5 सरल उपाय

Last Updated:September 30, 2025, 11:24 ISTDussehra 2025 Upay:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img