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Khatu Shyam Ji Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा के अवसर पर चौपासनी मंशापूर्ण महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बाबा श्याम की प्रतिमा को सफेद फूलों, झालरों और दीपों से भव्य रूप में सजाया गया. सुबह से भक्त दर्शन के लिए पहुंचे और मंदिर परिसर भक्ति और उल्लास से जगमगाया. महिलाओं ने पारंपरिक गीतों पर नृत्य किया। मध्य रात्रि को बाबा श्याम को खीर का भोग लगाया गया, जिसे प्रसाद के रूप में वितरित किया गया. रातभर मंदिर खुला रहा और भक्तों ने भजन-कीर्तन व कीर्तन में भाग लिया.

शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चौपासनी मंशापूर्ण महादेव मंदिर में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला. बाबा श्याम की प्रतिमा को सफेद फूलों और चमकदार झालरों से भव्य रूप में सजाया गया. दीयों की रोशनी और फूलों की महक से मंदिर परिसर दिव्यता से भर उठा. सुबह से ही श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचने लगे. सजावट को देखने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रही. रात होते-होते मंदिर परिसर रोशनी और भक्ति से जगमगाने लगा.

बाबा श्याम का दरबार फूलों, दीपों और सजावटी कपड़ों से सजाया गया. भक्तों ने मिलकर मंदिर को दीपों से सजाया और वातावरण में भक्ति रस घुल गया. ‘जय श्री श्याम’ के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा. महिलाओं ने पारंपरिक गीतों पर नृत्य कर अपनी आस्था व्यक्त की. हर भक्त के चेहरे पर शांति और श्रद्धा की झलक नजर आई. मंदिर का हर कोना भक्ति और उल्लास का प्रतीक बन गया.

शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि को बाबा श्याम को खीर का भोग लगाया गया. यह भोग शुद्ध दूध, चावल और मेवों से विशेष विधि से तैयार किया गया था. भोग आरती के बाद यही खीर प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित की गई. मंदिर की रसोई में सेवक और पुजारी दिनभर तैयारियों में जुटे रहे. भोग के समय पूरा माहौल ‘श्याम नाम’ के जयकारों से गूंज उठा. हर श्रद्धालु ने बाबा से सुख-समृद्धि और शांति की कामना की.

इस विशेष अवसर पर मंदिर रातभर भक्तों के लिए खुला रहा. सामान्य दिनों में संध्या आरती के बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है. भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त प्रबंध किए गए. मंदिर में भक्तों के लिए प्रसाद, जल और बैठने की व्यवस्था की गई. रातभर भक्ति गीतों और कीर्तन की धुन से मंदिर गुंजायमान रहा.

दीपों की लौ और भक्तों की आंखों में एक समान आस्था झलक उठी. आरती के दौरान भक्तों ने दीप थामकर सामूहिक रूप से प्रार्थना की. शरद पूर्णिमा की चांदनी में यह दृश्य अत्यंत मनमोहक प्रतीत हुआ. जोधपुर सहित आस-पास के कई जिलों से श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचे. कई भक्त परिवार सहित मंदिर परिसर में दिनभर डटे रहे. भक्तों ने भोग आरती में शामिल होकर अपनी मनोकामनाएं मांगी.

शरद पूर्णिमा की उजली चांदनी में मंदिर परिसर स्वर्ग सा नजर आया. दीपों की कतारों और चांदनी की छटा से वातावरण अलौकिक बन गया. भक्तों ने आसमान की ओर देखकर बाबा से आशीर्वाद मांगा. रातभर भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनियों से मंदिर गूंजता रहा. प्रसाद के रूप में खीर का वितरण होते ही भक्तों में उत्साह छा गया. पूर्णिमा की इस रात ने हर श्रद्धालु के मन में शांति और भक्ति भर दी.