हरिद्वार. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है. हिन्दू धर्म में पूर्णिमा के दिन दान, धर्म के साथ-साथ व्रत करने का विधान है. पूर्णिमा हर महीने में एक बार जरूर आती है इसीलिए देखा जाए तो साल के 12 महीने में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं. इन सभी 12 पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. आश्विन मास की चतुर्दशी तिथि को शरद पूर्णिमा का व्रत और अगले दिन स्नान, ध्यान करने का महत्व होता है.
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी कि चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है.कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा का पूर्ण स्वरूप में अपनी रोशनी पूरी सृष्टि पर डालता है या फिर यूं कहें कि इस दिन चंद्रमा की किरणें पृथ्वी लोक पर अमृत के समान पड़ती हैं. इस दौरान धार्मिक कार्य करने पर उसका संपूर्ण फल प्राप्त होता है जो कभी खत्म नहीं होता है.
कब है शरद पूर्णिमा?
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का व्रत है. 16 अक्टूबर को रात 08. 40 बजे आश्विन पूर्णिमा की शुरुआत होगी. वहीं, 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर आश्विन पूर्णिमा का समापन होगा. इसके बाद कार्तिक माह के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी. इसलिए 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी. शरद पूर्णिमा के दिन श्रद्धा भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है और जीवन में चल रही सभी परेशानियां और दुखों से मुक्ति छुटकारा मिल जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की के निमित्त पूजा अर्चना करने से जीवन में उत्पन्न सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं और व्यक्ति को सकारात्मक फल प्राप्त होता है.
शरद पूर्णिमा की रात करें ये उपाय
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. ऐसा भी कह सकते हैं कि चंद्रमा इस दिन धरती पर अमृत के रूप में अपनी रोशनी को बिखेरता है. शरद पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्रमा की किरणें पृथ्वी लोक पर अमृत के समान पड़ती है. शरद पूर्णिमा की रात को एक बर्तन में खीर रखकर उसे रातभर खुले आसमान में चांदनी के रख दें. अब अगले दिन पूरे परिवार के साथ इस खीर का सेवन करें. यह शरद पूर्णिमा का एक फेमस उपाय है, जिसे करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है.
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 13:01 IST
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