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शादी में क्यों 7 ही फेरे लेते हैं दूल्हा-दुल्हन? क्या होगा अगर सिर्फ 6 फेरे लिए तो…


हिंदू धर्म में विवाह सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. इसे जीवन में एक बहुत पवित्र बंधन माना जाता है. यह केवल 2 जीवन नहीं, बल्कि 2 पूरे परिवारों को जोड़ता है. इसलिए, कई लोग मानते हैं कि इस नए रिश्ते की शुरुआत सभी अनुष्ठानों को करके करनी चाहिए. अगर भगवान-ब्रह्मा गवाह हैं और विवाह का कहा जाता है, तो दूल्हा और दुल्हन को अग्नि के चारों ओर 7 फेरे लेने होते हैं. 7 फेरे 7 जन्मों के साथी होते हैं, लेकिन अगर एक फेरा कम या ज्यादा लिया जाए तो क्या गलत है? यह बात भी महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक फेरे का एक विशेष अर्थ होता है, जो दूल्हा-दुल्हन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है.

विवाह के फेरे
विवाह के 7 फेरों में से पहले 4 फेरों में दूल्हा आगे चलता है, जबकि दुल्हन अंतिम 3 फेरों में चलती है. फेरे को विवाह में सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. प्रत्येक फेरे में दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के प्रति वचनबद्ध होते हैं. पहले फेरे में वे एक-दूसरे के साथ भोजन और धन की प्रचुरता का वादा करते हैं, दूसरे में स्वास्थ्य और शक्ति का, तीसरे में समर्पण और प्रेम का, चौथे में एक-दूसरे का सम्मान करने का. अंतिम तीन फेरों में वे एक-दूसरे के साथ जीवन के सुख-दुख में साथ देने का संकल्प लेते हैं.

अंक 7 का महत्व
आपने अंक 7 के कई अन्य अर्थ पढ़े या सुने होंगे. अंक 7 को बहुत शुभ माना जाता है. संगीत में 7 सुर होते हैं, इंद्रधनुष में 7 रंग होते हैं, और सप्ताह में 7 दिन होते हैं. इसलिए इसे बहुत भाग्यशाली कहा जाता है. इसके अलावा, हिंदू धर्म में अंक 7 का संबंध पूर्णता और समर्पण से भी है. यह अंक कई धार्मिक ग्रंथों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और विभिन्न संस्कृतियों में इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.

ऊर्जा के 7 केंद्र
योग विज्ञान के अनुसार, मानव शरीर में ऊर्जा और शक्ति के 7 केंद्र होते हैं. जब दूल्हा और दुल्हन विवाह में 7 फेरे लेते हैं, तो वे एक-दूसरे को समर्पण करने का वादा करते हैं, अपने शरीर में मौजूद सभी ऊर्जा और शक्ति को इकट्ठा करके. इसमें ऊर्जा और शक्ति के सभी सात केंद्र शामिल होते हैं. इसके साथ ही यह 7 जन्मों के सहजीवन का भी वादा है. यही कारण है कि विवाह में 7 फेरे लेना बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. यह फेरे केवल एक रस्म नहीं, बल्कि जीवनभर की साझेदारी का आधार होते हैं. इस जानकारी को देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने साझा किया है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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