Monday, September 29, 2025
27 C
Surat

शिरगुल देवता को मुगलों ने किया था कैद, फिर इस आदमी ने कराया मुक्त! जानिए पूरी कहानी…


Agency:Bharat.one Himachal Pradesh

Last Updated:

Shimla Famous Temple : शिमला जिले में स्थित शिरगुल देवता मंदिर, मुगल काल से जुड़ी एक रोचक कहानी के कारण प्रसिद्ध है. देवता की शक्तियों को कम करने के लिए चमड़े से ताला लगाया गया था, जिसे बाद में गूगा महाराज ने क…और पढ़ें

X

मुगल

मुगल काल से है शिमला के इस धार्मिक स्थल का कनेक्शन

हाइलाइट्स

  • शिरगुल देवता का धार्मिक स्थल शिमला-सिरमौर बॉर्डर पर है.
  • मुगल काल में शिरगुल देवता को कैद किया गया था.
  • चमड़े से देवताओं की शक्तियां कम होती हैं.

शिमला. हिमाचल प्रदेश का जिला शिमला अपनी खूबसूरत वादियों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन के लिए भी मशहूर है. शिमला में कई ऐसे धार्मिक स्थल है, जिनकी मान्यता देश-विदेश में है. इनमें कालीबाड़ी मंदिर, जाखू मंदिर, तारा देवी मंदिर, संकटमोचन मंदिर, हाटू माता मंदिर, हाटेशवरी माता मंदिर आदि शामिल है. इन धार्मिक स्थलों पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. धार्मिक स्थलों की कड़ी में जिला शिमला और सिरमौर जिले के बॉर्डर पर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जिसके जिक्र के दौरान मुगल काल का भी जिक्र आता है. शिरगुल देवता जिला शिमला, सिरमौर और सोलन सहित उत्तराखंड राज्य के कई लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है.

कैसे मुगल काल से जुड़ा संबंध
चूड़धार की ऊंची चोटी पर विराजमान शिरगुल देवता लाखों लोगों की श्रद्धा का प्रतीक है. पुराने समय में लोग सिरमौर, शिमला आदि क्षेत्रों से राशन और अन्य सामग्रियां खरीदने के लिए दिल्ली जाया करते थे. स्थानीय भाषा में इस राशन और सामान को हाट कहा जाता था. ऐसे में इन क्षेत्र के लोगों का नाम हाटी पढ़ने लगा. शिरगुल देवता को पहला हाटी भी कहा जाता है. मुगल काल के दौरान शिरगुल देवता स्थानीय लोगों के साथ हाट लेने के लिए दिल्ली गए थे. इस दौरान एक व्यापारी के साथ हुई बहस के कारण सैनिकों ने उन्हें कोठरी में बंद कर दिया और कोठरी के ताले में चमड़ा लगा दिया.

चमड़े से कम होती हैं देव शक्तियां
बता दें कि देव मान्यताओं के अनुसार चमड़े से देवी देवताओं की शक्तियां कम पड़ जाती है. ऐसे में शिरगुल देवता की शक्तियों को कम करने के लिए उनकी कोठरी के ताले में चमड़ा लगाया गया, जिससे उनकी शक्तियां कम हो गई. उनकी खोज में जब उनके मित्र गूगा महाराज दिल्ली पहुंचे, तो एक झाड़ू लगाने वाली की मदद से उन्होंने कोठरी को ढूंढ निकाला. इसके बाद उन्होंने अपने दांत से चमड़े को काट कर शिरगुल देवता को आजाद करवाया. इसी घटना के कारण चूड़धार और शिरगुल देवता का कनेक्शन मुगल काल से जोड़ा जाता है.

homedharm

शिरगुल देवता को मुगलों ने किया था कैद, फिर इस आदमी ने कराया मुक्त! जानिए पूरी

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img