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Sambhar Jaipur Devyani Temple: जयपुर से 70 किलोमीटर दूर सांभर शहर में प्रसिद्ध देवयानी मंदिर मौजूद है. इस मंदिर को तीर्थों की नानी के नाम से जाना जाता है. सांभर के इस तीर्थ स्थल पर मुख्य रूप से असुरों के गुरु श…और पढ़ें

देवयानी मंदिर
हाइलाइट्स
- सांभर में देवयानी मंदिर तीर्थों की नानी है.
- मंदिर में असुरों के गुरु शुक्राचार्य की बेटी की पूजा होती है.
- देवयानी तीर्थ स्थल को छोटा पुष्कर भी कहा जाता है.
जयपुर. राजधानी जयपुर से 70 किलोमीटर दूर सांभर शहर में तीर्थों की नानी के नाम से मशहूर प्रसिद्ध देवयानी मंदिर मौजूद है. यहां, पर अनेकों देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं. मंदिर के पुजारियों के अनुसार देवयानी तीर्थ स्थल सभी तीर्थ में प्राचीन है. इसी प्राचीनता के कारण इस जगह को तीर्थों की नानी के नाम से जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति सभी तीर्थ पर नहीं जा पाता है, तो देवयानी तीर्थ स्थल पर आकर पूजा-अर्चना करने से उसे सभी तीर्थ नहाने जितना पुण्य मिलता है.
असुरों के गुरु शुक्राचार्य की बेटी का है मंदिर
सांभर के इस तीर्थ स्थल पर मुख्य रूप से असुरों के गुरु शुक्राचार्य की बेटी देवयानी का मंदिर मौजूद है. इसके अलावा देवयानी का संबंध कौरवों से भी है. सावन माह में देवयानी सरोवर पर कांवड़ियों का मेला लगता है, और लोग शिवालयों के लिए पवित्र जल लेने आते हैं. सांभर झील के बिल्कुल पास यह सरोवर मौजूद है, जहां, पर बड़ी संख्या में लोग अपने पापा धोने के लिए आते हैं. सरोवर के चारों ओर हिंदू देवी- देवताओं के मंदिर बने हुए हैं. प्रमुख रूप से यहां पर देवयानी का मंदिर है. मंदिर में मौजूद माता देवयानी की मूर्ति की पुजारी द्वारा रोज पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा माता का रोग श्रृंगार भी होता है.
छोटा पुष्कर के नाम से है प्रसिद्ध
देवयानी तीर्थ स्थल को छोटा पुष्कर भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार सभी तीर्थ स्थल ऑन पर अगर कोई जाकर आता है और वह देवयानी तीर्थ स्थल पर आकर नहीं नहाता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. सभी तीर्थ स्थलों में सबसे पुराना होने के कारण देवयानी तीर्थ स्थल का महत्व अधिक माना गया है. देवयानी तीर्थ स्थल के पास ही विशाल सांभर झील मौजूद है. जहां पर नमक का उत्पादन होता है इसके अलावा देसी विदेशी पर्यटक भी यहां पर आते हैं.
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