Thursday, September 25, 2025
25.5 C
Surat

साल का आखिरी चंद्रग्रहण कल, राजस्थान के बड़े मंदिरों के पट रहेंगे बंद, जानें खाटूश्याम में कब होंगे दर्शन


करौली. इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 को दिखाई देगा, जो भारत में भी देखा जा सकेगा. चंद्रग्रहण के प्रभाव को देखते हुए, राजस्थान के सभी प्रमुख मंदिरों में सूतक काल के दौरान पट बंद रहेंगे. इस कारण मंदिरों की सामान्य सेवा, पूजा और दर्शन की समय-सारिणी में बदलाव किया गया है.

ज्योतिषाचार्य पं. धीरज उपाध्याय के अनुसार, साल का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात 9:57 बजे शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1:27 बजे तक रहेगा. इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा, जिसकी अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट होगी.

ज्योतिषियों का मानना है कि सूतक काल के दौरान बच्चों और बुजुर्गों को छोड़कर किसी को भी भोजन नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं, इस दौरान राजस्थान के प्रमुख मंदिरों की व्यवस्था कैसी रहेगी.

खाटूश्याम जी मंदिर:
चंद्रग्रहण के कारण प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर के पट 6 सितंबर की रात 10 बजे से बंद हो जाएंगे. 7 सितंबर को चंद्रग्रहण और 8 सितंबर को बाबा श्याम का तिलक होने के कारण मंदिर के पट 8 सितंबर शाम 5 बजे तक बंद रहेंगे. इस दौरान श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे.

कैलादेवी मंदिर: उत्तर भारत के आस्था धाम कैलादेवी मंदिर के पट भी सूतक काल के चलते 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से बंद होकर 8 सितंबर की सुबह 4 बजे खोले जाएंगे.

सांवलिया सेठ और सालासर बालाजी मंदिर: चंद्रग्रहण के कारण चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर के कपाट रविवार को दोपहर 12 बजे से बंद कर दिए जाएंगे और अगले दिन सुबह मंगला आरती के साथ खोले जाएंगे. इसी तरह, चूरू के सालासर बालाजी धाम के पट 7 सितंबर को दोपहर 12:50 बजे से बंद होकर 8 सितंबर की सुबह 6:30 बजे पुनः खुलेंगे.

जयपुर का गोविंद देव जी मंदिर: राजधानी जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में चंद्रग्रहण के दौरान पट बंद नहीं होंगे. यहां विशेष दर्शन की व्यवस्था की गई है. भक्तजन 7 सितंबर की रात 9:50 बजे से 1:30 बजे (8 सितंबर) तक ठाकुर जी के दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान मंदिर में हरिनाम संकीर्तन होगा, लेकिन श्रद्धालुओं को ग्रहण से पहले ही प्रवेश करना होगा. ग्रहण काल में परिक्रमा बंद रहेगी और निकास केवल ग्रहण समाप्ति के बाद ही होगा.

चंद्रग्रहण में करें ये शुभ कार्य: ज्योतिषाचार्य पं. धीरज शर्मा के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान सभी को गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है. खास ध्यान रहे कि ग्रहण काल में ठाकुर जी की मूर्ति को स्पर्श न करें. ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान कर दान-पुण्य अवश्य करें.

Hot this week

Shardiya navratri 2025 fifth day of maa kushmanda know puja vidhi muhurat and mantra bhog and maa kushmanda aarti and importance of kushmanda devi...

शारदीय नवरात्रि 2025 का पांचवा दिन, मां कुष्‍मांडा:...

Topics

Shardiya navratri 2025 fifth day of maa kushmanda know puja vidhi muhurat and mantra bhog and maa kushmanda aarti and importance of kushmanda devi...

शारदीय नवरात्रि 2025 का पांचवा दिन, मां कुष्‍मांडा:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img