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साल में सिर्फ एक बार मिलता है ऐसा दुर्लभ योग! पौष पुत्रदा एकादशी पर क्या करें, क्या न करें? – Uttarakhand News


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ज्योतिषी अखिलेश पांडेय ने कहा कि पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष में आती है और यह व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की विशेष पूजा का विधान है. भक्त सुबह-सुबह पवित्र स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं

Paush Putrada Ekadashi

पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष में आती है और यह व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की विशेष पूजा का विधान है. भक्त सुबह-सुबह पवित्र स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं और पूरे दिन नियम, संयम तथा भक्ति के साथ पूजा करते हैं.

Paush Putrada Ekadashi

इस पावन दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है. मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान से जुड़े कष्ट दूर होते हैं और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होने का मार्ग प्रशस्त होता है. इससे जीवन में सकारात्मकता भी बढ़ती है.

Paush Putrada Ekadashi

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन शिवलिंग पर जल, गंगाजल, कच्चा दूध और शहद से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. ऐसा माना जाता है कि शिव कृपा से मनुष्य के जीवन में आ रहे अवरोध दूर होते हैं और परिवार पर शुभ ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है. भक्त श्रद्धापूर्वक अभिषेक करके सुख और संतति की प्रार्थना करते हैं.

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Paush Putrada Ekadashi

इस व्रत के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह देवों के देव महादेव का प्रिय है. इसके साथ सफेद पुष्प अर्पित करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है. पुराणों में उल्लेख है कि जो भक्त पूर्ण निष्ठा से बेलपत्र अर्पित करता है, उसके जीवन में सुख और सौभाग्य का प्रवेश होता है. यह पूजा विधि शुभ फल प्रदान करती है.

Paush Putrada Ekadashi

जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की मनोकामना रखते हैं, उनके लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है. इस दिन शिव और विष्णु दोनों की आराधना करने से संतान से जुड़े कष्ट दूर होते हैं और शुभ संकेत प्राप्त होते हैं. भक्ति भाव से व्रत करने पर दंपत्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. मान्यता है कि यह दिन संतान से जुड़ी हर चिंता दूर करता है

Paush Putrada Ekadashi

इस एकादशी के दिन व्रत रखने का अपना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. भक्त इस दिन अनाज त्यागकर फलाहार करते हैं और पूरे दिन भगवान का स्मरण करते हैं. व्रत का उद्देश्य मन और शरीर दोनों को शुद्ध करना होता है. इससे मन में अनुशासन बढ़ता है और व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है. शाम के समय विष्णु भगवान की कथा सुनना अत्यंत शुभ माना गया है.

Paush Putrada Ekadashi

पौष पुत्रदा एकादशी पर की गई पूजा का प्रभाव केवल संतान सुख तक सीमित नहीं रहता बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा लाती है. इस दिन किए गए दान, जप और उपवास से मन की नकारात्मकता कम होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है. भक्त का मन शांत होता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है. यह दिन परिवार में सौभाग्य का आगमन करवाता है.

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पौष पुत्रदा एकादशी पर क्या करें, क्या न करें? यहां जानिए व्रत से जुड़ी बातें

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