Home Dharma सिर्फ उज्जैन में ही क्यों मनाई जाती है शिव नवरात्रि? दूल्हे की...

सिर्फ उज्जैन में ही क्यों मनाई जाती है शिव नवरात्रि? दूल्हे की तरह सजते हैं महाकाल, जानें खास परंपरा का रहस्य

0


Agency:Bharat.one Madhya Pradesh

Last Updated:

Shiv Navratri 2025: हिन्दू धर्म मे नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. सालभर मे चार बार नवरात्रि मनाई जाती है.लेकिन उज्जैन में पांच बार यह उत्सव मनाया जाता है. ये उत्सव सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ह…और पढ़ें

X

शिव नवरात्रि उज्जैन 

हाइलाइट्स

  • उज्जैन में शिव नवरात्रि महाकालेश्वर मंदिर में मनाई जाती है.
  • महाकाल को नौ दिनों तक चंदन और मेहंदी लगाई जाती है.
  • शिव नवरात्रि महाशिवरात्रि से नौ दिन पहले शुरू होती है.

शुभम मरमट / उज्जैन: हिंदू धर्म में नवरात्रि सबसे पवित्र पर्वों में से एक है. ऐसे तो भारत वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व बनाया जाता है. लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन मे यह उत्सव पांच बार बनाया जाता है. बता दें कि विश्व प्रशिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है जो तीसरे नम्बर पर आता है. यहां की परम्परा बाकि जगहों से अलग है. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. यहां पर कुंभ मेले का आयोजन भी होता है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का एक विशेष महत्व है. महाकाल के बारे में कहा जाता है कि यह पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग है. यह दक्षिणमूखी होने के कारण इसकी मान्यता और बढ़ जाती है. यहां शिवरात्रि नहीं शिव नवरात्रि मनाई जाती है, जानिए ऐसा क्या है खास?

महाकाल मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दिन शिवजी का देवी पार्वती से विवाह हुआ था. शिव नवरात्रि इसी विवाह के पहले का उत्सव है. ये उत्सव सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाया जाता है, जो महाशिवरात्रि से नौ दिन पहले शुरू होता है. इन नौ दिनों में भगवान महाकाल को चंदन का लेप और मेहंदी लगाई जाती है. इसके साथ ही नौ दिनों तक भगवान महाकाल का मोहक शृंगार के साथ ही पूजन, अभिषेक और अनुष्ठान भी किया जाता है.

दुहले के रूप में सजते हैं महाकाल
जिस तरह शादी विवाह में परिवार मे लोग उत्सव बनाते हैं. वैसे ही महाकल की नगरी मे भी शिव के विवाह पर उत्सव बनाया जाता है. यह एक परम्परा है. यहां अवंतिका क्षेत्र का महत्व भी है. इसलिए अवंतिका नगरी को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है. नौ दिन अपने भक्तो को अलग अलग स्वरूप मे महाकाल दर्शन देते है और आखरी दिन बाबा का सेहरा सजा कर दुहला बनाया जाता है.

पांच बार क्यों मनाई जाती है अवंतिका मे नवरात्रि
अवंतिका नगरी माता हरसिद्धि का मंदिर भी है जो 51 शक्ति पीठो मे से एक है इसलिए यहा की मान्यता और बढ़ जाती है क्युकि अवंतिका मे शिव के साथ शक्ति विराजमान है. इसलिए भी यहा का महत्व बढ़ जाता है. इसलिए यहा माता की नवरात्रि का पर्व भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. उसी के साथ साथ यहा शिवनवरात्री होती है. यहा महाकाल मंदिर मे शिवरात्रि तो बनती ही है लेकिन यहा नौ दिन की नवरात्री बनाने की परम्परा है जिसे हम शिवनवरात्रि कहते है. जो पुरे देश मे उज्जैन मे ही मानी जाती है.

शिव नवरात्रि में दर्शन का है विशेष महत्त्व
जो भी भक्त इस 9 दिन के अंदर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते है. पूजन के लिए आते है साथ ही अपनी कई मनोकामना लेकर भी आते है. बहुत सारे लोग शिवरात्रि पर व्रत रखते हैं या शिव का विशेष पूजन आदि करते है. वो अगर शिवनवरात्रि में आकर भगवान महाकाल का दर्शन पूजन करले तो उस भक्त को शिवरात्रि के महत्व के बराबर बाबा का दर्शन का आशिवाद मिलता है.इसलिए यहा शिवनवरात्रि बनाई जाती है.

homedharm

सिर्फ उज्जैन में ही क्यों मनाई जाती है शिव नवरात्रि? दूल्हा बनते हैं महाकाल!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version