Tulsi Parikrama on Somwati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है. इस अमावस्या के दिन स्त्रियां तुलसी की विधि-विधान से पूजा करती हैं व तुलसी की परिक्रमा भी करती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा करने की परंपरा धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और यह परंपरा बहुत पुरानी है. लेकिन क्या आपको पता है कि सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की परिक्रमा क्यों की जाती है?
क्यों करते हैं तुलसी की परिक्रमा
सोमवती अमावस्या के दिन मां तुलसी की परिक्रमा करने से लोगों की सभी प्रकार की परेशानियां खत्म हो जाती हैं. इसके साथ ही उनके जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है. मान्यता है कि इस दिन की गई तुलसी की परिक्रमा से लोगों के सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
वहीं तुलसी को लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है तो ऐसे में तुलसी की परिक्रमा और पूजा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इसके साथ ही सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है. इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी कीपूजा के साथ शिव और पार्वती की पूजा की जाती हैस तो सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन कैसे करें तुलसी की परिक्रमा आइए जानते हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन कैसे करें परिक्रमा
सोमवती अमावस्या के दिन सबसे पहले स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण करें, इसके बाद तुलसी को गंगाजल से धोकर उसे साफ करें और फिर उनका पूरा शृंगार करें. फिर पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और धूपबत्ती जलाएं.
तुलसी के पौधे को फूल, चंदन आदि से सजाएं और फिर दक्षिणावर्त दिशा में 108 बार बार परिक्रमा करें. साथ ही परिक्रमा करते समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ तुलसी माता नमः मंत्र का जाप करें.
सोमवती अमावस्या तिथि व शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 31 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 57 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
सोमवती अमावस्या के दिन वृद्धि योग 29 दिसंबर को रात 9 बजकर 41 मिनट से 30 दिसंबर की रात 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. माना जाता है कि वृद्धियोग में किये गए कार्यों में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 10:50 IST