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Kangra Jwala Devi Temple: हिमाचल प्रदेश के ज्वाला जी मंदिर में चैत्र नवरात्रों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. यह मंदिर माता सती की जीभ गिरने से बना शक्तिपीठ है, जहां सात पवित्र ज्योतियां अनवरत जलती हैं. अक…और पढ़ें

ज्वाला जी मंदिर
हाइलाइट्स
- ज्वाला जी मंदिर में सात पवित्र ज्योतियां जलती हैं.
- अकबर ने ज्योत बुझाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा.
- नवरात्रों पर हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन को आते हैं.
कांगड़ा. चैत्र नवरात्रों पर जहां देशभर से श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश के ज्वाला जी माता मंदिर में पहुंच रहे हैं, वहीं आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस ऐतिहासिक मंदिर के पीछे क्या रहस्य हैं और ऐसी कौन-सी मान्यताएं हैं जिनके चलते हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां शीश नवाते हैं. नवरात्रों के पहले दिन से ही यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है और भारी संख्या में लोग माता के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं.
मंदिर का प्राचीन इतिहास
भगवान शिव के तांडव को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के अंगों को खंडित कर दिया. माता सती के अंग जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ बन गए. जिस स्थान पर आज ज्वालामुखी मंदिर स्थित है, वहां माता सती की जीभ गिरी थी. जीभ में अग्नि तत्व होने के कारण यहां तब से प्राकृतिक रूप से ज्योत जल रही है.
मंदिर के गर्भगृह में सात पवित्र ज्योतियां जल रही हैं, जो हजारों वर्षों से अनवरत जलती आ रही हैं. यह शक्तिपीठ लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. कहा जाता है कि मां ज्वाला के दर्शन मात्र से ही भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं.
इस मंदिर में नतमस्तक हुआ था अकबर
कहा जाता है कि मुगल सम्राट अकबर ने पवित्र ज्योति के स्थान पर लोहे के कड़े लगवा दिए ताकि ज्योतियां बुझ जाएं. उसने पास के जल स्रोत से पानी की नहर ज्योतियों की ओर मोड़ दी, लेकिन मां की चमत्कारिक पवित्र ज्योतियां नहीं बुझीं.
जब अकबर की सारी कोशिशें विफल हो गईं, तो उसने मां ज्वाला जी के दरबार में नतमस्तक होकर सोने का छत्र चढ़ाया.
क्या बोले श्रद्धालु
अपने परिवार सहित माता रानी के दर्शन करने पहुंचे विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि ज्वाला जी मंदिर का बहुत अधिक महत्व है. वह अपने परिवार के साथ अक्सर माता के दरबार में आते रहते हैं.
नवरात्रों को लेकर मंदिर में की गई व्यवस्थाओं की उन्होंने तारीफ की और कहा कि प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था बनाई है. सभी श्रद्धालु आराम से दर्शन कर पा रहे हैं और किसी को कोई असुविधा नहीं हो रही है.