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हैदराबाद में गणेश लड्डू की अनोखी नीलामी, करोड़ों में लगती है बोली, जानिए कब से शुरू हुई यह परंपरा


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Hyderabad Ganesh Chaturthi Laddu Auction: बालापुर गणेश उत्सव समिति और कीर्थी रिचमंड विलास गेटेड कम्युनिटी के मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश को चढ़ाए जाने वाले विशाल प्रसाद लड्डू की नीलामी होती है, जो स्थानीय आस्था और परंपरा का प्रतीक बन चुकी है. पहली बार 1994 में शुरू हुई इस नीलामी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है. 2024 में की गई नीलामी में लड्डू 1.87 करोड़ रुपए में बिका, जो तेलंगाना की सबसे महंगी लड्डू नीलामी बनी.

हैदराबाद के बालापुर इलाके में स्थित श्री आनंद विलास वार्षिक उत्सव समिति मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक अनोखी और चर्चित नीलामी होती है। यह नीलामी कोई सोने-चांदी की नहीं बल्कि मंदिर में भगवान गणेश को चढ़ाए जाने वाले एक विशाल प्रसाद लड्डू की होती है। इस लड्डू की नीलामी पर पूरे तेलंगाना ही नहीं बल्कि पूरे देश की निगाहें टिकी रहती हैं।

हैदराबाद के बालापुर इलाके में स्थित श्री आनंद विलास वार्षिक उत्सव समिति मंदिर में हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक अनोखी और चर्चित नीलामी होती है. यह नीलामी कोई सोने-चांदी की नहीं बल्कि मंदिर में भगवान गणेश को चढ़ाए जाने वाले एक विशाल प्रसाद लड्डू की होती है. इस लड्डू की नीलामी पर पूरे तेलंगाना ही नहीं बल्कि पूरे देश की निगाहें टिकी रहती है.

एक परंपरा का इतिहास यह परंपरा सन् 1994 में शुरू हुई थी। कहा जाता है कि उस समय मंदिर की वार्षिक उत्सव समिति को पूजा-अनुष्ठान और मूर्ति स्थापना के लिए धन की आवश्यकता थी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए प्रसाद के रूप में बने पहले लड्डू को ही नीलाम करने का विचार सामने आया। पहली बार इस लड्डू की नीलामी मात्र 450 रुपए में हुई थी।

यह परंपरा सन् 1994 में शुरू हुई थी. कहा जाता है कि उस समय मंदिर की वार्षिक उत्सव समिति को पूजा-अनुष्ठान और मूर्ति स्थापना के लिए धन की आवश्यकता थी. इस जरूरत को पूरा करने के लिए प्रसाद के रूप में बने पहले लड्डू को ही नीलाम करने का विचार सामने आया. पहली बार इस लड्डू की नीलामी मात्र 450 रुपए में हुई थी. यह मुख्य रूप से दो जगहों पर होती है. जिसमें बालापुर गणेश उत्सव समिति और बंडलागुड़ा जागीर के कीर्थी रिचमंड विलास गेटेड कम्युनिटी शामिल है.

सुख, समृद्धि और आस्था का प्रतीक इस लड्डू को खरीदने की इतनी होड़ और इसकी कीमत आसमान छूने के पीछे स्थानीय लोगों की गहरी आस्था और मान्यता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह लड्डू सिर्फ एक मिठाई नहीं बल्कि सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान है जो भी व्यक्ति या परिवार इस लड्डू को खरीदकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करता है उसके घर में साल भर अन्न-धन की कमी नहीं होती और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसी आस्था के कारण स्थानीय व्यवसायी और समुदाय के लोग इसे खरीदने के लिए लाखो रुपए तक की बोली लगाने से नहीं हिचकिचाते।

इस लड्डू को खरीदने की होड़ रहती है और इसकी कीमत आसमान छूने लगती है. इसके पीछे का कारण स्थानीय लोगों की गहरी आस्था और मान्यता है. ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह लड्डू सिर्फ एक मिठाई नहीं बल्कि सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान है. जो भी व्यक्ति या परिवार इस लड्डू को खरीदकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करता है, उसके घर में साल भर अन्न-धन की कमी नहीं होती और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इसी आस्था के कारण स्थानीय व्यवसायी और समुदाय के लोग इसे खरीदने के लिए लाखो रुपए तक की बोली लगाने से नहीं हिचकिचाते.

कीमत में लगातार वृद्धि समय के साथ इस लड्डू की नीलामी की शुरुआती बोली और अंतिम कीमत दोनों में जबरदस्त उछाल आया है। 1994 में शुरुआती बोली 450 रुपए से शुरू हुई पिछले वर्ष यानी 2024 में इसने एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 30 लाख 1 हजार रुपए की ऐतिहासिक कीमत पर नीलाम हुआ।

हैदराबाद के कीर्थी रिचमंड विलास में 16 सितंबर 2024 को जो गणेश लड्डू की नीलामी हुई थी वह 1.87 करोड़ में बिकी. यह तेलंगाना की सबसे महंगी लड्डू नीलामी बनी. यह राशि 2023  की 1.26 करोड़ से 61 लाख अधिक रही. यह नीलामी सामूहिक रूप से 150 से अधिक निवासियों द्वारा चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत की गई. वहीं पैसे का उपयोग गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य, अनाथालयों और एनलजीओ के लिए किया जाता है. आयोजकों ने खरीदार का नाम गोपनीय रखा.

2025 इस बार क्या उम्मीद है? 30 लाख रुपए के रिकॉर्ड के बाद इस बार 2025 की नीलामी को लेकर और भी ज्यादा उत्साह है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी इस लड्डू की कीमत में और वृद्धि होगी और यह एक नया रिकॉर्ड कायम कर सकता है। मंदिर समिति इस नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सामाजिक कार्यों और अगले साल के उत्सव के लिए करती है।

हैदराबाद के बालापुर गणेश उत्सव समिति की ओर से 17 सितंबर 2024 को 21 किलोग्राम का यह प्रसिद्ध लड्डू 30.01 लाख में नीलाम हुआ, जो पिछले साल के 27 लाख से थोड़ा अधिक है. विजेता BJP नेता कोलन शंकर रेड्डी थे.  वहीं 2025 की नीलामी को लेकर और भी ज्यादा उत्साह है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी इस लड्डू की कीमत में और वृद्धि होगी और यह एक नया रिकॉर्ड कायम कर सकता है. मंदिर समिति इस नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सामाजिक कार्यों और अगले साल के उत्सव के लिए करती है.

बालापुर का गणेश लड्डू अब सिर्फ एक मिठाई नहीं बल्कि आस्था, परंपरा और सामुदायिक भागीदारी का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया है। यह नीलामी दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी शुरुआत एक बड़े सांस्कृतिक और आर्थिक उत्सव में बदल सकती है जो पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींचती है।

बालापुर का गणेश लड्डू अब सिर्फ एक मिठाई नहीं बल्कि आस्था, परंपरा और सामुदायिक भागीदारी का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया है. यह नीलामी दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी शुरुआत एक बड़े सांस्कृतिक और आर्थिक उत्सव में बदल सकती है.  यह पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींचती है. बोली लगाने वाले अमीर व्यवसायी या निवासी होते हैं, जो इसे सम्मान और पुण्य का माध्यम मानते हैं.

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हैदराबाद में गणेश लड्डू की अनोखी नीलामी, करोड़ों में लगती है बोली

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