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Mahakal Mandir Holi: 2024 में होली के दौरान महाकाल मंदिर में एक हादसा हो गया था. उसको देखते हुए मंदिर समिति ने इस बार नियम कड़े कर दिए हैं, जो यहां आने वाले भक्तों को झटका देंगे. जानें सब…

महाकाल की होली के नियम बदले.
हाइलाइट्स
- महाकाल मंदिर में ये सामग्री ले जाना प्रतिबंधित
- कैमरों से मंदिर परिसर की निगरानी होगी
- हर्बल गुलाल और केसर युक्त जल का उपयोग होगा
उज्जैन. महाकाल की होली के नियम सख्त कर दिए गए हैं. इस बार बाबा से होली खेलना भक्तों के लिए आसान नहीं होगा. महाकाल भक्तों को झटका लग सकता है. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है. भगवान महाकाल के दरबार पर हर पर्व सबसे पहले मनाने की परंपरा है.
इसी क्रम में इस बार भी पूरे भारत में सबसे पहले होलिका दहन (Holika Dahan 2025) महाकाल के आंगन में होगा. बता दें कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च को परंपरागत तरीके से होलिका दहन होगा. 14 मार्च को धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा. इसमें हर बार की तरह भगवान महाकाल के साथ होली खेलने देश-विदेश के भक्त महाकाल मंदिर पहुचेंगे.
2024 में घटी थी एक घटना
भगवान महाकाल के दरबार में पिछले साल धुलेंडी की सुबह भस्म आरती के दौरान आग लग गई थी. महाकालेश्वर मंदिर में धुलेंडी के दिन सुबह 6 बजे के पहले भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लगने से पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे. सभी को इंदौर रेफर किया गया था. आग से झुलसे सेवक सत्यनारायण सोनी (80) की 30 प्रतिशत से अधिक जलने के कारण मौत हो गई थी.
श्रद्धालुओं को लग सकता है झटका
बाबा महाकाल के दरबार में होली पर देश-विदेश के श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ होली खेलने उज्जैन पहुंचते हैं. अपने साथ कई तरह के रंग-गुलाल लाकर महाकाल को अर्पित करते हैं. मंदिर समिति भी कुंटलों कलर भगवान और श्रद्धालुओं पर उड़ाती थी. लेकिन, इस बार जो भी श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ होली खेलने का प्लान बना रहा है. उन्हें मंदिर परिसर के कुछ नियम जरूर जान लेने चाहिए. इसके बाद भक्तों को झटका लग सकता है.
महाकाल मंदिर में होली खेलने आ रहे तो जान लें ये नियम
1. महाकाल होलिका महोत्सव में गर्भगृह समेत पूरे मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल ले जाना, उड़ाना या आपस में लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के कंट्रोल रूम के कर्मचारी-अधिकारी कैमरों से मंदिर के सभी गेट और पूरे परिसर में नजर रखेंगे.
2. पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, अधिकारी, पुलिसकर्मी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, सेवक समेत अन्य आउटसोर्स कर्मचारी रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे. सभी गेटों पर तैनात कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर में रंग-गुलाल लेकर कोई भी प्रवेश न करे. श्रद्धालुओं की जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा.
3. 13-14 और 19 मार्च 2025 को हर्बल गुलाल, केसर युक्त जल और केसर का रंग मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा पुजारी और शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराएगी. 19 मार्च 2025 रंगपंचमी पर भस्म आरती में एक लोटा केसर युक्त जल और संध्या आरती में केसर का रंग प्रतीकात्मक रूप से भगवान श्री महाकालेश्वर को अर्पित किया जाएगा.
Ujjain,Madhya Pradesh
March 12, 2025, 13:29 IST
होली पर महाकाल मंदिर में ये चीज अंदर लेकर न जाएं, वरना..नए नियम देंगे झटका