जांजगीर चांपा:- पितृ पक्ष पर 15 दिनों तक पितरों को तर्पण दिया जाता है, जिसमें हम अपने उन पूर्वजों को याद करके उनका नमन करते हैं. जो इस संसार से देवलोक जा चुके है, पितरों की उनकी आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध करते हैं और उनके लिए पिंडदान व तर्पण करते हैं, इसके साथ ही पितृ पक्ष में दान का भी विशेष महत्व है, वही पितर (पितृपक्ष) में बहुत से लोग नए कपड़े या गहने, या अन्य समान खरीद लेते है, या शुभ कार्य के कई सारे सामान खरीदते है उन्हे नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन ऐसा माना जाता है की पितृपक्ष में नई वस्तुओं को खरीदने से पितर नाराज होते हैं.
इस बारे में जांजगीर पुरानी सिंचाई कॉलोनी में स्थित दुर्गा मंदिर के पुजारी बसंत शर्मा महाराज ने लोकल18 को बताया कि पितृ पक्ष मुख्य रूप से इसलिए मनाया गया है क्योंकि व्यक्ति अपने काम में व्यस्त रहते हैं. इसलिए जो इस दुनिया से चले गए है ऐसे पूर्वजों को याद करने के लिए 15 दिनों के लिए पितृ पक्ष बनाया गया है. इसमें पूर्वजों के लिए पंडित के द्वारा पूजा करवाते हैं और उनके नाम से महाराज को भोजन करवाया जाता हैं. इस पितर के समय अपने पूर्वज जो अब इस संसार में नहीं है उन्हे चावल, तिल जौ को तोरई का पत्ता या सफेद कपड़े में रख कर पानी दिया जाता है.
नहीं खरीदना चाहिए नया सामान
इस पितृ पक्ष में पैरवा से लाकर अमावस्या तक को अशुभ माना जाता है. इसमें सिर्फ श्राद्ध किया जाता है, इसलिए कोई भी शुभ कार्य के लिए समान नही खरीदते है. इस समय खासकर जमीन, सोना चांदी के गहने, नये कपड़े, आदि सामान जिसका उपयोग शुभ कार्यों में किया जाता है वो नही खरीदना चाहिए, जो भी खरीददारी कर रहे है उसे पितृ पक्ष के बाद लेना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 11:11 IST
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