महासमुंद: महासमुंद जिले के सिरपुर में स्थित गंधेश्वर महादेव मंदिर, छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा महानदी के पवित्र तट पर स्थित है. इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का ‘बाबा धाम’ भी कहा जाता है. सावन माह और महाशिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो शिवलिंग के दर्शन और पूजा के लिए दूर-दूर से आते हैं. इस दौरान कांवड़ियों की लंबी कतारें शिवजी को जल अर्पित करने के लिए मंदिर तक पहुंचती हैं, जिससे पूरा क्षेत्र शिवमय हो जाता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शंकर ने बाणासुर से कहा था कि वे काशी की बजाय सिरपुर में ही प्रकट होंगे. बाणासुर ने भगवान से पूछा कि उन्हें कैसे पहचाना जाएगा, तो शंभू ने कहा कि जिस शिवलिंग से गंध का अनुभव हो, वही उनका प्रतीक होगा. तब से यहां भगवान शिव की पूजा गंधेश्वर महादेव के रूप में की जाती है.
200 साल पुराना शिवलिंग
इतिहासकारों के अनुसार, गंधेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग लगभग 200 साल पुराना है. इस शिवलिंग की खासियत यह है कि इससे तुलसी के पत्तों जैसी खुशबू आती है. माना जाता है कि यह शिवलिंग ज्योतिर्लिंगों वाले पत्थर से बना हुआ है, जो इसे और भी विशेष बनाता है.
मंदिर कैसे पहुंचे
गंधेश्वर नाथ शिवालय महासमुंद जिला मुख्यालय से 40 किमी और तुमगांव से 28 किमी दूर स्थित है. यह मंदिर एनएच 53 पर कुहरी पड़ाव से पश्चिम की ओर 16 किमी दूर सिरपुर में स्थित है, यहां आप बस या निजी साधन से आसानी से पहुंच सकते हैं. मार्ग साफ-सुथरा और 15 मीटर चौड़ा है, जो यात्रा को सुविधाजनक बनाता है.
FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 11:24 IST
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