Monday, November 17, 2025
23 C
Surat

3000 सालों तक माता पार्वती ने यहां की थी तपस्या, तब पति के रूप में मिले थे भोलेनाथ, जानें मान्यता


Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

Last Updated:

Bilvakeshwar Mahadev Mandir: उत्तराखंड के हरिद्वार में भगवान भोलेनाथ की ससुराल है. यहां स्थित बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर की अनोखी मान्यता है. महाशिवरात्रि पर भक्तों की जलाभिषेक करने के लिए भीड़ लगी रहती है. मान्य…और पढ़ें

X

माता

माता पार्वती ने हरिद्वार में यहां की कठोर तपस्या 

हाइलाइट्स

  • हरिद्वार में बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर स्थित है.
  • माता पार्वती ने 3000 साल तक तपस्या की थी.
  • महाशिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है.

हरिद्वार: उत्तराखंड में हरिद्वार एक हिंदू तीर्थ नगरी है. जहां साल भर लाखों और करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु मोक्ष पाने की कामना को लेकर धार्मिक अनुष्ठान, धार्मिक कार्य करने के लिए देश के अलग-अलग कोने से आते हैं. हरिद्वार का प्राचीन नाम हर द्वार यानी भोलेनाथ का द्वार है. हरिद्वार में भोलेनाथ के बहुत से सिद्ध पीठ पौराणिक स्थल हैं, जिनका वर्णन शिव महापुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथो वेदों पुराणों में किया गया हैं.

यहां है भोलेनाथ की ससुराल

हरिद्वार में जहां भोलेनाथ की ससुराल है, तो वहीं, भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने जिस स्थान पर हजारों साल तक कठोर तपस्या की थी. वह स्थान भी हरिद्वार में एक पर्वत पर स्थित है. महाशिवरात्रि के दिन इस स्थान पर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मुरादे पूर्ण हो जाती हैं. साथ ही जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.

माता पार्वती 3000 साल तक की थी तपस्या

हरिद्वार में माता पार्वती ने भोलेनाथ को प्राप्त करने के लिए जिस स्थान पर हजारों साल तक कठोर तपस्या की थी. उसके बारे में जानकारी देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने कहा कि हरिद्वार में भोलेनाथ के बहुत से प्राचीन सिद्ध पीठ स्थल हैं, जिनका वर्णन वेदों पुराणों में किया गया है. भोलेनाथ को प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने हरिद्वार में नील पर्वत पर करीब 3000 साल तक कठोर तपस्या की थी. नील पर्वत पर स्थित बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर का महत्व भोलेनाथ और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है. इसी स्थान पर माता पार्वती ने 3000 साल तक भोलेनाथ को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी.

बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर की है अनोखी मान्यता

हर की पौड़ी के समीप पश्चिम दिशा में बिल्व पर्वत पर बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर है. महाशिवरात्रि के दिन इस स्थान पर श्रद्धा भक्ति भाव से भोलेनाथ का जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. जिन लड़कियों का विवाह ना हो रहा हो. उनके द्वारा इस स्थान पर 5 रविवार को जल चढ़ाने मात्र से विवाह के सभी रास्ते खुल जाते हैं.

महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की लगती है भीड़

वहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन इस स्थान पर भोलेनाथ का दूध, गंगाजल, तिल, जौ, बेलपत्र आदि से अभिषेक करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ जीवन में चल रही आर्थिक तंगी, आर्थिक समस्याएं, वाद विवाद और शादी विवाह आदि की सभी अड़चनें पूर्ण रूप से खत्म होने की मान्यता है.

Note: महाशिवरात्रि पर बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ का अभिषेक करने से होने वाले लाभ की ज्यादा जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं. 

homedharm

3000 सालों तक पार्वती ने यहां की थी तपस्या, तब पति के रूप में मिले थे भोलेनाथ

Hot this week

Topics

Devotees gather at Navah Yagya in Darbhanga faith displayed

Last Updated:November 17, 2025, 19:44 ISTShyama Namdhun Navah...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img