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Pradosh Fast: ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस दिन बेहद शुभ संयोग भी बनने जा रहा है. इस दिन शतभिषा नक्षत्र के साथ-साथ शूल योग भी रहने वाला है और द्विपुष्कर योग का भी निर्माण होने जा रहा है. जो इस दिन को और भी शुभ बना देता है.
देवघर. हर माह के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है. एक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि के दिन और दूसरा शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि के दिन. माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव माता पार्वती की पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, जीवन में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.
इस व्रत का उल्लेख शिव पुराण में भी है. वहीं आश्विन का शुक्ल पक्ष का प्रदोष कब है और इस प्रदोष का क्या कुछ खास महत्व है तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते है देवघर के ज्योतिषाचार्य जी से?
कब से शुरू हो रहा है त्रयोदशी की शुरुआत
ज्योतिषाचार्य बताते है की ऋषिकेश पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 04 अक्टूबर शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगी. वहीं 05 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 04 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा. त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसके लिए आश्विन माह का अंतिम प्रदोष व्रत 04 दिन शनिवार को मनाया जाएगा. इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहेंगे.
शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए करें यह उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन अगर भगवान शिव के शिवलिंग में जल में तिल मिलाकर अर्पण करने से शनि दोष से छुटकारा मिल जाएगा. इसके साथ ही शनि प्रदोष व्रत के दिन संध्या काल में शनि मंदिर जाकर तेल का दीपक अवश्य जलाएं.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.