मंदिर के पुजारी विपिन ने बताया कि यह मंदिर 550 वर्षों से भी अधिक पुराना है. इसे नेपाली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था. यहां दर्शन मात्र से ही द्वादश ज्योतिर्लिंग का फल प्राप्त होता है. पुजारी ने यह भी बताया कि यहां दर्शन करने से भक्तों की मुरादें पूरी होती है.