Monday, September 29, 2025
26 C
Surat

6000 लीटर दूध-दही से भव्य अभिषेक… चारभुजा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, ठाकुरजी का सोने के बेवाण से सरोवर स्नान!


Last Updated:

Udaipur Charbhuja Temple: चारभुजा मंदिर में जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी का पंचामृत स्नान, भव्य शोभायात्रा और केवड़ा श्रृंगार हुआ, हजारों श्रद्धालु दूधतलाई छितरिया सरोवर पहुंचे.

उदयपुर. राजसमंद जिले के प्रसिद्ध चारभुजा मंदिर में जलझूलनी एकादशी का आयोजन भव्य और परंपरागत ढंग से किया गया. इस आयोजन की खासियत यह है कि पूरी प्रक्रिया अनुशासन और धार्मिक परंपराओं के साथ निभाई जाती है. ठाकुरजी को साल में दो बार सरवर स्नान के लिए मंदिर से बाहर ले जाया जाता है. एक बार जलझूलनी एकादशी पर और दूसरी बार फाग महोत्सव में.

पूरे आयोजन की शुरुआत सुबह साढ़े 4 बजे प्रभाती के साथ हुई जिसमें ठाकुरजी को जगाया गया. इसके बाद सवा 5 बजे मंगला आरती के दर्शन हुए. ठाकुरजी के स्नान के लिए पुजारी परिवार सोने के कलश में उमर बावड़ी से पवित्र जल लेकर आया. जल लाते ही मंदिर के दर्शन कुछ समय के लिए बंद कर दिए गए. फिर ठाकुरजी को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से स्नान करवाया गया. स्नान के बाद ठाकुरजी को वीर श्रृंगार पहनाया गया जिसमें शंख, चक्र, गदा, भाला, ढाल और तलवार शामिल थीं. इसके बाद उन्हें माखन मिश्री और फिर राजभोग के रूप में केसरिया भात और लापसी का भोग लगाया गया.

भव्य शोभायात्रा और सरोवर स्नान
दोपहर में ठाकुरजी को सरवर स्नान के लिए भव्य शोभायात्रा के रूप में ले जाया गया. ठाकुरजी सोने के बेवाण में विराजे और उनके वस्त्र चांदी के बेवाण में रखे गए. रास्ते में हजारों श्रद्धालु पलक पांवड़े बिछाकर खड़े रहे. दूधतलाई स्थित छितरिया सरोवर पर ठाकुरजी को पुजारी सिर पर उठाकर ले गए जहां उन्हें 6 हजार लीटर दूध और दही से पंचामृत स्नान कराया गया. स्नान के बाद परिक्रमा करवाई गई और केवड़ा से श्रृंगार किया गया. मोर मुकुट धारण कर ठाकुरजी वापस चांदी के बेवाण में विराजे और मंदिर लौटे. शाम 6 बजे कसार की आरती के साथ पूरे आयोजन का समापन हुआ.

authorimg

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

6000 लीटर दूध-दही से भव्य अभिषेक… चारभुजा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब!

Hot this week

करेले का अचार रेसिपी और फायदे जानें, डायबिटीज़ में लाभकारी.

Food, हम सभी खाने का स्वाद बढ़ाने के...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img