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Pitru Paksha 2025: भाद्रपद मास की पूर्णिमा और अश्विन मास की प्रतिपदा से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाता है. शास्त्रों में लिखा गया है कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में यमपुरी से पितर अपनी संतानों, वंशजों से पिंडदान और …और पढ़ें
अपने पूर्वजों की तृप्ति के लिए भोजन और जल अर्पित करते हैं. ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. उन्हें दान-दक्षिणा देकर पितरों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं. इन दिनों बहुत से ऐसे कार्य है. जिन्हें करने से पितृ नाराज होते हैं. आइए उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि इस बार पितृ पक्ष की शुरूआत कब से होंगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में नया सामान नहीं खरीदना चाहिए. पितृ पक्ष में शादी, सगाई, मुंडन और उपनयन जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. वहीं, इस अवधि में नए वस्त्र भी नहीं खरीदने चाहिए, क्योंकि, पितृ पक्ष में कपड़ों का दान पूर्वजों के लिए होता है. इस दौरान अन्न और वस्त्रों का दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं.
पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्व
पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए सभी प्रकार के अनुष्ठान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे जीवन में परेशानियों का अंत होता है. सुख-समृद्धि बढ़ती है. पितृ पक्ष मे हमारे पूर्वज स्वर्ग लोग से हमारे साथ समय बिताने आते हैं.
पितृ पक्ष की तिथियां
प्रतिपदा श्राद्ध- 08 सितम्बर 2025
द्वितीय श्राद्ध- 09 सितम्बर 2025
तृतीया श्राद्ध- 10 सितम्बर 2025
चतुर्थी श्राद्ध- 10 सितम्बर 2025
पंचमी श्राद्ध- 11 सितम्बर 2025
महा भरणी- 11 सितम्बर 2025
षष्ठी श्राद्ध- 12 सितम्बर 2025
सप्तमी श्राद्ध- 13 सितम्बर 2025
अष्टमी श्राद्ध- 14 सितम्बर
नवमी श्राद्ध- 15 सितम्बर 2025
दशमी श्राद्ध- 16 सितम्बर 2025
एकादशी श्राद्ध- 17 सितम्बर 2025
द्वादशी श्राद्ध- 18 सितम्बर 2025
त्रयोदशी श्राद्ध- 19
मघा श्राद्ध- 19 सितम्बर
चतुर्दशी श्राद्ध- 20 सितम्बर
सर्वपितृ अमावस्या- 21 सितम्बर 2025
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across … और पढ़ें