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Aaj Ka Panchang 2025: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन आज, करें मां कालरात्रि पूजा, शुक्रवार व्रत, शोभन योग, देखें मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल


आज का पंचांग, 4 अप्रैल 2025: आज चैत्र नवरात्रि का छठा दिन और शुक्रवार व्रत है. आज सप्तमी के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करते हैं. आज चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि, आर्द्रा नक्षत्र, शोभन योग, गर करण, पश्चिम का दिशाशूल और मिथुन राशि में चंद्रमा है. असुर रक्त-बीज का वध करने के लिए मां दुर्गा ने कालरात्रि स्वरूप धारण किया. उनका रूप भयनाक है. वे चार भुजा वाली श्याम वर्ण की देवी हैं, जो हाथों में वज्र और कटार धारण करती हैं. उनका वाहन गर्दभ है. वे रात्रि के समान भयनाक और काली के स्वरूप वाली हैं. इस वजह से इनको कालरात्रि कहते हैं. जो मां कालरात्रि की पूजा करते हैं, उनको शुभ फल की प्राप्ति होती है. क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम: मंत्र से पूजा करके गुड़ का भोग लगाएं. लाल गुड़हल और गुलाब का फूल अर्पित करें. इस देवी की कृपा से अकाल मृत्यु, अनजाने भय से मुक्ति मिलती है. दुश्मनों पर जीत हासिल होती है.

पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग है और स्वर्ग की भद्रा है. इस भद्रा का प्रभाव धरती पर नहीं होगा. आज शुक्रवार व्रत भी है, जिसमें मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में होती है. माता लक्ष्मी को पूजा के समय मखाने की खीर, दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. धन की देवी को पीली कौड़ियां अर्पित करें. उनकी कृपा से आपकी दरिद्रता दूर होगी. धन, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होगी. कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से अपार धन की प्राप्ति होती है. पूजा के अंत में लक्ष्मी जी की आरती न करें. मान्यताओं के अनुसार, आरती के बाद से देवी और देवता उस स्थान से चले जाते हैं. शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद कपड़े, चीनी, दूध, चावल, इत्र आदि का दान करना चाहिए. वैदिक पंचांग से जानते हैं शुक्रवार के मुहूर्त, चौघड़िया, शोभन योग, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल आदि.

आज का पंचांग, 4 अप्रैल 2025
आज की तिथि- सप्तमी – 08:12 पी एम तक, उसके बाद अष्टमी
आज का नक्षत्र- आर्द्रा – 05:20 ए एम, अप्रैल 05 तक, फिर पुनर्वसु
आज का करण- गर – 08:51 ए एम तक, वणिज – 08:12 पी एम तक, फिर विष्टि
आज का योग- शोभन – 09:45 पी एम तक, उसके बाद अतिगण्ड
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- मिथुन

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:08 ए एम
सूर्यास्त- 06:41 पी एम
चन्द्रोदय- 10:37 ए एम
चन्द्रास्त- 01:30 ए एम, अप्रैल 05

चैत्र नवरात्रि छठे दिन के शुभ मुहूर्त और योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: कल, 05:20 ए एम से 06:07 ए एम
ब्रह्म मुहूर्त: 04:36 ए एम से 05:22 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 ए एम से 12:49 पी एम
अमृत काल: 07:33 पी एम से 09:07 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:30 पी एम से 03:20 पी एम

दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: 06:08 ए एम से 07:42 ए एम
लाभ-उन्नति: 07:42 ए एम से 09:16 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम: 09:16 ए एम से 10:50 ए एम
शुभ-उत्तम: 12:24 पी एम से 01:58 पी एम
चर-सामान्य: 05:07 पी एम से 06:41 पी एम

रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 09:32 पी एम से 10:58 पी एम
शुभ-उत्तम: 12:24 ए एम से 01:49 ए एम, अप्रैल 05
अमृत-सर्वोत्तम: 01:49 ए एम से 03:15 ए एम, अप्रैल 05
चर-सामान्य: 03:15 ए एम से 04:41 ए एम, अप्रैल 05

अशुभ समय
राहुकाल- 10:50 ए एम से 12:24 पी एम
गुलिक काल- 07:42 ए एम से 09:16 ए एम
यमगण्ड- 03:32 पी एम से 05:07 पी एम
दुर्मुहूर्त- 08:38 ए एम से 09:28 ए एम, 12:49 पी एम से 01:39 पी एम
भद्रा- 08:12 पी एम से 06:07 ए एम, अप्रैल 05
भद्रा का वास- स्वर्ग
दिशाशूल- पश्चिम

शिववास
भोजन में – 08:12 पी एम तक, उसके बाद श्मशान में.

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