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After Holika Dahan applying Holika ash on body gives relief from diseases know belief


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होली के दिन जहां होलिका दहन हुआ है, वहां जाकर परिक्रमा करना चाहिए और अपने और अपने परिवार के तरफ से कंडा (छेना) डालना चाहिए. होलिका के राख (भस्म) को निकालकर पूरे शरीर पर लगाना चाहिए.

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होलिका

होलिका दहन 

हाइलाइट्स

  • होलिका भस्म लगाने से दाद व खुजली नहीं होती.
  • होलिका दहन के बाद परिक्रमा करना चाहिए.
  • होली पर दुश्मनी भुलाकर भाईचारा मनाएं.

जांजगीर चांपा:- हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार होली इस साल 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा. 13 मार्च को होलिका दहन हुआ और होलिका जलाई गई. अब उसके बाद 14 मार्च को होली खेली जाएगी. होली के दिन एक-दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर खुशियां मनाई जाती है. वहीं होली को लेकर बसंत शर्मा महाराज ने काफी रहस्यमयी और अनोखी बात बताई.

होली के दिन जहां होलिका दहन हुआ है, वहां जाकर परिक्रमा करना चाहिए और अपने और अपने परिवार के तरफ से कंडा (छेना) डालना चाहिए. होलिका के राख (भस्म) को निकालकर पूरे शरीर पर लगाना चाहिए. इससे दाद व खुजली की समस्या नहीं होती और पूरे साल शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है.

दुश्मनी को भुलाकर आपसी भाईचारा का त्योहार
होली के सम्बंध में बसंत शर्मा महाराज ने Bharat.one को बताया कि इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च और उसके अगले दिन 14 मार्च को होली मनाई जाएगी. होली पर्व में रंग और गुलाल खेलकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. इस पर्व में पुराने से पुराने बैर या दुश्मनी को भुलाकर आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ होली मनाई जाती है. जैसे छेरछेरा त्यौहार में अन्नधान काटने के बाद दान किया जाता है, उसी प्रकार होली त्यौहार में दुश्मनी को भुलाकर आपसी भाईचारा के प्रतीक के रूप में होली मनाया जाता है.

राख लगाने से रोगों से मिलती है मुक्ति
पंडित बसंत शर्मा महाराज ने Bharat.one को आगे बताया कि होली के दिन जहां होलिका दहन हुआ है, वहां जाकर परिक्रमा करना चाहिए और अपने और अपने परिवार की तरफ से कंडा (छेना) डालना चाहिए. होलिका के राख (भस्म) को निकालकर पूरे शरीर पर लगाना चाहिए. इससे दाद व खुजली की समस्या नहीं होती और पूरे साल शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है. कुछ राख को घर में लाकर पूरे साल रखा जाता है. इससे निगेटिविटी नहीं रहता है. महाराज ने बताया कि होली के सप्ताह भर पहले होलाष्टक लगता है, जिसमें सभी शुभ कार्यों पर प्रतिबन्ध लग जाते हैं. होली होने के बाद होलाष्टक समाप्त हो जाता है और फिर से शुभ कार्य प्रारंभ हो जाता है.

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होलिका दहन के बाद भस्म को शरीर पर क्यों लगात हैं, क्या है मान्यता?

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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