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Margashirsha Month 2025: सनातन धर्म में हर माह में विशेष महत्व है. सभी माह किसी न किसी देवी और देवता को समर्पित है. भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना मार्गशीर्ष शुरू हो चूका है. इस माह मे खान-पान के कई ऐसे नियम भी हैं. जिनका पालन करना चाहिए.
Ujjain News: हिन्दू धर्म में हर तिथि, हर वार के साथ हर माह का भी विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. पंचांग का नौवां महीना, मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. धार्मिक ग्रंथों में इस पवित्र महीने का अत्यधिक महत्व बताया गया है, जिसे ‘अगहन मास’ भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस माह में किए गए स्नान, दान और दीपदान से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि ‘मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं’, जिससे इस महीने के धार्मिक महत्व के बारे में पता चलता है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस माह कुछ ऐसे खान-पान के विशेष नियम भी हैं. जिन्हें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
इस माह क्यों है जीरे का सेवन निषेध?
पुराणों और आयुर्वेदिक ग्रंथों में बताया गया है कि अगहन मास में जीरा खाने से शरीर में अग्नि (पाचन शक्ति) अत्यधिक बढ़ जाती है. चूंकि यह महीना शीत ऋतु का होता है, इसलिए जीरा जैसी तासीर में गर्म वस्तु का सेवन संतुलन बिगाड़ सकता है. धर्मशास्त्र के अनुसार, अगहन मास में शरीर और मन को संयमित रखने की सलाह दी गई है. जीरा का सेवन इंद्रियों को उत्तेजित करता है, इसलिए इसे व्रत या पूजन काल में त्यागने की परंपरा बनी. जीरा को रजोगुण को बढ़ाने वाला पदार्थ माना गया है यानी यह ध्यान, एकाग्रता और ध्यान में बाधा डाल सकता है.
मान्यता आज भी है प्रचलित
जब कोई चीज लगातार चलती है. तो उसे लोक मान्यता कि दृष्टि से भी देखा जाता है. गांवों और पारंपरिक परिवारों में यह माना जाता है कि अगहन मास में जीरा खाने से लक्ष्मी की कृपा कम होती है. यह महीना श्रीहरि विष्णु की उपासना का है और श्रीहरि को सात्त्विक अन्न प्रिय है. जीरा को तामसिक या उष्ण गुण वाला मानकर इससे परहेज किया जाता है. कई पूजा-विधियों में (विशेषकर मार्गशीर्ष पूर्णिमा तक) किचन में जीरे का प्रयोग रोक दिया जाता है. इसके स्थान पर लोग हींग या काली मिर्च का उपयोग करते हैं.

Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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