अयोध्या: सनातन धर्म में कार्तिक का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है .इस महीने पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है. इस महीने कई ऐसे पर्व पड़ते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. यह त्योहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि अक्षय नवमी पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से जातकों के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं आखिर कब है अक्षय नवमी ? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि .
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 9 नवंबर को रात्रि 10:45 से शुरू हो रहा है जिसका समापन 10 नवंबर को रात को 9:01 पर समाप्त होगा. ऐसी स्थिति में अक्षय नवमी का पर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा. अक्षय नवमी पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:55 से लेकर 5:45 तक रहेगा.
अक्षय नवमी की पूजन विधि
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अक्षय नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. उसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. अक्षय नवमी की शाम में जल से आचमन करें और आंवला के पेड़ की उपासना करें. साथ ही देसी घी का दीपक जलाकर विष्णु जी और आंवला के पेड़ की आरती करें और फूल, माला, सिंदूर, अक्षत आदि चढ़ाएं. आंवला के पेड़ नीचे भोजन बनाएं और उसे भोग के रूप में अर्पित करें. इसके बाद जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें. साथ ही गरीबों में अन्न, धन और गर्म कपड़ों का दान करें.
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 16:27 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.