Last Updated:
Bhai Dooj Yamraj connection : भाई दूज सदियों से होता चला आ रहा है. दिवाली के दो दिन बाद इसे मनाया जाता है. ये भाई-बहन के रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है. इस पर्व का सीधा संबंध यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ा है.
सहारनपुर. भाई दूज दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है. ये भाई-बहन के रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं. भाई भी बहन को उपहार देते हैं. यह पर्व केवल उपहार और तिलक का अवसर नहीं है, बल्कि भाई-बहन के पारंपरिक संबंध में सुरक्षा, सम्मान और जिम्मेदारी की भावना को भी उजागर करता है. भाई दूज पर्व को ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसका सीधा संबंध यमराज और उनकी बहन यमुना जी की कथा से जुड़ा है. ये कथा काफी चर्चित है.
सुरक्षित, सुखी और समृद्ध
प्राचीन मान्यता के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमुना जी के घर उनके सम्मान और स्नेह का आदर करने गए थे. यमुना जी ने उन्हें तिलक किया, आरती उतारी और भोजन कराकर अपना प्रेम और सेवा का भाव दिखाया. इस पर यमराज ने वचन दिया कि जो भाई अपनी बहन को इस दिन बुलाकर तिलक और भोजन कराएगा, उसकी बहन हमेशा सुरक्षित, सुखी और समृद्ध रहेगी. इस वजह से भाई दूज को “यम द्वितीया” कहा गया और यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते में सुरक्षा, स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक बन गया.
अखंड श्रीफल का अर्पण
सहारनपुर के आचार्य सोमप्रकाश शास्त्री Bharat.one से बताते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान जब 14 रत्न बाहर आए तो उनमें एक विश्व भी था, लक्ष्मी जी भी थीं और यम भी थे. यम लक्ष्मी जी के भाई बहन के प्रेम भाव में निकले. भाई दूज पर भाई अपनी बहन का चरण वंदन करता है और बहन भाई को गोले का अखंड श्रीफल अर्पण करती है ताकि भाई का स्वास्थ्य इत्यादि दीर्घायु बना रहे. ये पर्व सदियों से होता आया है.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें