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Bhoot Chaturdashi 2025: आज है वो भयानक रात भूत चतुर्दशी…इस दिन ये काम करने से होगा विनाश, जीवन बन जाएगा नर्क!


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Bhoot Chaturdashi 2025: हिंदुओं के अनुसार भूत चतुर्दशी दिवाली से पहले चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष यह पर्व 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है. भूत चतुर्दशी पर नकारात्मक ऊर्जा ज़्यादा प्रबल होती है. इस दिन ये काम करने से जीवन में भारी कष्ट आते हैं.

অমাবস্যার আগের রাত। চতুর্দশী তিথিতে হিন্দু মতে ভূত চতুর্দশী পালন করা হয়। আগামী কালীপুজো৷ ইতিমধ্যেই চলছে শেষ মুহূর্তের প্রস্তুতি৷ তার আগের রাতই ভূত চতুর্দশী৷

Bhoot Chaturdashi 2025: हिंदुओं के अनुसार भूत चतुर्दशी दिवाली से पहले चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इसके बाद काली पूजा मनाई जाती है. अंतिम तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. भूत चतुर्दशी एक रात पहले पड़ती है. इस साल ये त्योहार 19 अक्टूबर 2025 यानी आज को मनाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में इसे ‘इंडियन हैलोवीन’ के रूप में भी मनाया जाता है.

এই রাত্রিই ভূত চতুর্দশী ভয় নয়, বিশ্বাসের উৎসব। অন্ধকারকে জয় করতে,শুভ শক্তির আহ্বানে, জ্বলে ওঠে চৌদ্দ প্রদীপ। আর ঘরে ঘরে রান্না হয় চৌদ্দ রকম শাক।

भूत चतुर्दशी की रात भय का नहीं, आस्था का पर्व है. अंधकार पर विजय पाने के लिए शुभ शक्तियों का आह्वान करते हुए चौदह दीपक जलाए जाते हैं. और हर घर में चौदह प्रकार की सब्ज़ियां बनाई जाती हैं.

 লোকবিশ্বাস বলছে, নরকাসুর রাজা প্রতিবছর এই তিথিতে ভূতপ্রেতদের নিয়ে পৃথিবীতে আসেন, তাঁদের উপস্থিতিতেই খুলে যায় স্বর্গ আর নরকের দুয়ার। তাই এই দিনে প্রদীপ জ্বালিয়ে মানুষ অন্ধকার দূর করে, আর চৌদ্দ শাক খেয়ে আহ্বান জানায় সুস্থতা ও সমৃদ্ধির।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नरक का राजा नरकासुर हर साल इसी दिन अपने राक्षसों के साथ पृथ्वी पर आता है और उसकी उपस्थिति में स्वर्ग और नरक के द्वार खुल जाते हैं. इसलिए इस दिन लोग अंधकार को दूर करने के लिए दीपक जलाते हैं और स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना के लिए चौदह सब्जियां खाते हैं. भूत चतुर्दशी पर नकारात्मक ऊर्जा ज़्यादा प्रबल होती है. इस दिन ये काम करने से जीवन में भारी कष्ट आते हैं. एक काला साया बना रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं भूत चतुर्दशी के दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए.

ভূত চতুর্দশীর দিন নেগেটিভ শক্তির প্রভাব বেশি থাকে বলে মনে করা হয়৷ এদিন এই কাজগুলি করলে জীবনে নেমে আসে চরম দুর্ভোগ৷ কালো ছায়া পিছু ছাড়ে না৷ জেনে নিন কোন কাজগুলি করা বারণ৷

भूत चतुर्दशी के दिन घर का हर कोना साफ़ रखना चाहिए. घर में कहीं भी गंदगी नहीं होनी चाहिए. लेकिन शाम के बाद घर में झाड़ू लगाने से बचें. इससे देवी लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं.

ভূত চতুর্দশীর দিন বাড়ির প্রতিটা কোণ পরিস্কার রাখা উচিত৷ ঘরের কোন জায়গায় যেন নোংরা না থাকে৷ তবে সন্ধের পর ভুলেও ঝাঁড়ু দেবেন না৷ এতে মা লক্ষ্মী রুষ্ট হন৷

भूत चतुर्दशी के दिन श्मशान में नही जाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इन स्थानों पर विभिन्न नकारात्मक ऊर्जाएं निवास करती हैं, जो जीवन में परेशानी लाती हैं.

ভূত চতুর্দশীর দিন শ্মশান অথবা কবরস্থানের ধারে-কাছেও যেতে নিষেধ করা হয়। বলা হয় যে,এই সব জায়গায় নানা রকম নেগেটিভ শক্তি থাকে। যা জীবনে দুর্ভোগ ডেকে আনে৷

भूत चतुर्दशी के दिन घर में टूटे हुए कांच की वस्तुएं न रखें तो बेहतर है। खासकर टूटे या दरार वाले दर्पण में अपना चेहरा नहीं देखना चाहिए। ये भी बुरी शक्तियों के संकेत हैं।

ভূত চতুর্দশীর দিন বাড়িতে কাঁচের ভাঙা জিনিস না রাখাই ভাল৷ বিশেষত, ভাঙ্গা বা ফেটে যাওয়া আয়নায় মুখ দেখা উচিত নয়। কারণ এগুলিও অশুভ শক্তির লক্ষণ।

भूत चतुर्दशी के दिन घर में टूटी हुई कांच न रखें खासकर टूटे या दरार वाले शीशे ये भी बुरी आत्माओं के संकेत हैं.

ভূত চতুর্দশী এবং কালীপুজোর দিন সন্ধের পর দুধ বা দুধ জাতীয় কোনও জিনিস কাউকেদেবেন না।এতে আপনার বাড়ি থেকে পজিটিভ শক্তি কমতে থাকবে, এবং বাড়বে নেগেটিভ এনার্জি।

भूत चतुर्दशी और काली पूजा की शाम के बाद किसी को भी दूध या इससे बनी कोई चीज़ न दें. इससे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी.

ভূত চতুর্দশীতে ঘরে সর্বদা আলো জ্বালিয়ে রাখবেন৷ কোথাও যেন কোনও অন্ধকার না থাকে৷ সন্ধের সময় প্রদীপ জ্বালান৷ এতে অশুভ শক্তির দূর হয়৷

भूत चतुर्दशी के दिन अपने घर में रोशनी जलाकर रखें. कहीं भी अंधेरा नहीं होना चाहिए. शाम को दीपक जलाएं इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहेगी.

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