Birth Chart Horoscope : जन्म कुंडली के प्रथम भाव को ही लग्न भाव कहा जाता है. प्रथम भाव में स्थित राशि के स्वामी को लग्नेश बोलते हैं. जन्म कुंडली का पहला भाव व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बताता है. इसके अलावा व्यक्ति के जीवन में प्रथम भाव यानी लग्न में कोई भी ग्रह बैठा हो उसका सबसे अधिक प्रभाव रहता है. लग्न भाव में बैठे ग्रह का अलग-अलग फल प्राप्त होता है. लेकिन जो ग्रह वहां बैठा है उससे संबंधित सावधानियां प्रत्येक व्यक्ति को अपनानी चाहिए, अन्यथा वही ग्रह आपके जीवन में दिक्कत और कठिनाइयां बढ़ा देगा.
राहू : यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के लग्न स्थान में राहु ग्रह बैठा हुआ है तो ऐसे जातक को कभी भी शराब या किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए.
शुक्र : यदि लग्न कुंडली में लग्न स्थान पर शुक्र ग्रह बैठा हुआ है तो ऐसे जातक को किसी भी गैर महिला या पुरुष से अवैध संबंध नहीं बनाने चाहिए इससे शुक्र ग्रह खराब परिणाम देने लगता है.
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शनि : जन्म कुंडली के प्रथम भाव में यदि शनि देव बैठे हुए हैं तो ऐसे व्यक्ति को किसी के साथ भी कभी धोखा नहीं करना चाहिए. यदि आप किसी के साथ धोखा या झूठ, कपट करते हैं तो आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
सूर्य : लग्न में बैठा सूर्य वाला जातक यदि किसी भी तरह का दिखावा, घमंड या ईगो करता हैं तो गंभीर परिणाम मिलते है. ऐसे व्यक्ति को सूर्य से संबंधित अच्छे फल प्राप्त नहीं होते.
गुरु : लग्न में यदि के गुरु बृहस्पति बैठा हो तो ऐसे जातक को सदैव धर्म सम्मत आचरण करना चाहिए. इन्हें किसी भी प्रकार का लालच नहीं करना चाहिए. यदि यह किसी भी तरह से लालच या बेईमानी करते हैं तो इनका बृहस्पति खराब हो जाता है.
केतु : यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में लग्न में केतु ग्रह बैठा हुआ है तो ऐसे जातक को कभी भी किसी की चुगली, बुराई नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से केतु ग्रह के अनिष्ट फल प्राप्त होते हैं.
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मंगल : यदि जन्म कुंडली में मंगल ग्रह लग्न में बैठा हो तो व्यक्ति को भी वजह गुस्सा नहीं करना चाहिए. यदि आप बात-बात पर गुस्सा करेंगे तो आपको ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियां और चोट आदि लगना शुरू हो जाएंगे.
बुध : जन्म कुंडली में यदि बुध देव लग्न स्थान में बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति को बहुत मर्यादित रहना चाहिए. किसी की बातों से बहकावे में नहीं आना चाहिए. अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करें अन्यथा स्किन से संबंधित बीमारियां होगी और व्यापार ठप होना शुरू हो जाएगा.
चंद्र : यदि जन्म कुंडली में चंद्र ग्रह लग्न भाव में स्थित है तो ऐसे व्यक्ति को शांत रहना चाहिए. यदि आप चंचल मन से व्यवहार करेंगे तो आपका चंद्रमा पीड़ित हो जाएगा आपको जगह-जगह पानी नहीं पीना चाहिए, अन्यथा शीत रोग आपको दिक्कत पैदा करेंगे.







