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Chaitra Bhutadi Amavasya: भूतड़ी अमावस्या विशेष रूप से नकारात्मक शक्तियों से बचाव और आत्मिक शांति प्राप्त करने वाली मानी जाती है. इस दिन पूजा पाठ करने व कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता ऊर…और पढ़ें

Chaitra Bhutadi Amavasya: चैत्र अमावस्या को क्यों कहते हैं भूतड़ी अमावस्या? इस दिन कुछ विशेष उपायों से दूर होगी प्रेत-बाधा सहित कई परेशानियां
हाइलाइट्स
- चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं.
- इस दिन पूजा और उपाय से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
- हनुमान चालीसा का पाठ और पितृ पूजा करना शुभ माना जाता है.
Chaitra Bhutadi Amavasya: हिंदू धर्म में हर माह की पूर्णिमा तिथि और अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. जहां पूर्णिमा पर चारों ओर छाई चांदनी सकारात्मकता को दर्शाती है वहीं अमावस्या की काली रात नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है. वैसे तो हर मास में आने वाली अमावस्या तिथि अपने आप में विशेष होती है. लेकिन आपको बता दें कि चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या बेहद खास होने के साथ ही बेहद खतरनाक भी मानी जाती है.
दरअसल, चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में इस अमावस्या को बहुत खास माना जाता है. मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या विशेष रूप से नकारात्मक शक्तियों से बचाव और आत्मिक शांति प्राप्त करने वाली मानी जाती है. इस दिन पूजा पाठ करने व कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होता है. आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार जानते हैं भूतड़ी अमावस्या का महत्व, उपाय और कब पड़ रही है यह अमावस्या.
कब पड़ रही है भूतड़ी अमावस्या
इस साल भूतड़ी अमावस्या 28 मार्च को शाम 7 बजकर 55 मिनट से 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. चूंकि वैदिक पंचांग में उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए 29 मार्च को ही इस अमावस्या की मान्यता होगी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भूतड़ी अमावस्या पर नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं. इस दौरान काली रात में काली शक्तियां अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए शरीर की तलाश करती है और मनुष्य की रूह को काबू में करने का प्रयत्न करती हैं. इसी कारण से चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है.
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भूतड़ी अमावस्या पर क्या करें
हनुमान चालीसा का करें पाठ
चैत्र अमावस्या के दिन देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत उत्तम फलदायी माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है. खासकर इससे भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त होती है.
पितृरो के लिए पूजा
अमावस्या तिथि पितृ पूजा के लिए बहुत ही मत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन अपने पितरों के लिए तर्पण करना व श्राद्धकर्म करना उत्तम माना जाता है. इससे घर में सुख शांति बनी रहती है और कार्य में आ रही सभी बाधाएं भी दूर होती है.
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नदी में स्नान करना
भूतड़ी अमावस्या पर नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है. नदी के पवित्र जल में स्नान कर व्यक्ति का मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं. इस दिन आप शिवलिंग का अभिषेक कर ॐ नमः शिवाय का जप भी कर सकते हैं.
नवग्रह पूजा करें
चैत्र अमावस्या पर नव ग्रह पूजन करना बेहद लाभकारी होता है. आप अपने श्रद्धा के अनुसार किसी जानकर पंडित को घर में बुलाकर भी नवग्रह पूजन करवा सकते हैं.