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Chandra Grahan 2025 : चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब घटित होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक ही रेखा में आ जाते हैं. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह होली के दिन 14 मार्च 202…और पढ़ें

कब से कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण?
हाइलाइट्स
- 14 मार्च 2025 को चंद्र ग्रहण होगा.
- वृषभ, कर्क, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभकारी.
- ग्रहण का समय सुबह 9:27 से दोपहर 3:30 तक.
Chandra Grahan 2025 : चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना होने के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाली हो सकती है. इस दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए और नकारात्मक ऊर्जा से बचने का प्रयास करना चाहिए. 14 मार्च को होने वाले इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा, जबकि अन्य राशियों को अधिक सावधानी बरतनी होगी. आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से सूतक काल और कब से कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण को अक्सर अशुभ माना जाता है. इस दौरान कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है. हालांकि, यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ भी साबित हो सकता है. विशेष रूप से, वृषभ, कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोग इस समय विशेष लाभ की स्थिति में रह सकते हैं.
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए यह समय रोजगार के नए अवसर लाने वाला हो सकता है, जिससे उन्हें सफलता मिलेगी.
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय पदोन्नति और वित्तीय लाभ का संकेत देता है.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वाले संपत्ति में वृद्धि देख सकते हैं और उनका करियर भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है.
चंद्र ग्रहण का समय और स्थान
यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में भी देखा जाएगा और इसे दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा, जैसे कि अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, प्रशांत महासागर और उत्तरी अमेरिका में.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल और सावधानियां
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से पहले शुरू होता है. इस दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि माना जाता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. यह समय विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और ध्यान की साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है.
सूतक काल के दौरान कुछ लोग भोजन नहीं करते, जबकि कुछ लोग अपने दैनिक कार्यों में सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. इस समय मानसिक शांति बनाए रखने और नकारात्मक विचारों से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
कन्या राशि में चंद्र ग्रहण का प्रभाव
यह चंद्र ग्रहण विशेष रूप से कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में हो रहा है. इस दौरान केतु ग्रह पहले से ही कन्या राशि में विराजमान हैं, जो चंद्र ग्रहण के साथ मिलकर अशुभ प्रभाव डाल सकते हैं. ऐसे में इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी, विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य और नकारात्मक विचारों से बचने की कोशिश करनी चाहिए. इस चंद्र ग्रहण के दौरान अधिक से अधिक ध्यान, साधना और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा में काम करना अच्छा रहेगा.
March 14, 2025, 05:45 IST
किस राशि में लग रहा साल का पहला चंद्र ग्रहण? कब से कब तक रहेगा सूतक काल?