Home Dharma Chhath Puja : ढलती उम्र में 36 घंटे का निर्जला व्रत बना...

Chhath Puja : ढलती उम्र में 36 घंटे का निर्जला व्रत बना पहाड़… झटपट करें ये 3 उपाय! खुश हो जाएंगी छठी मैया

0


Last Updated:

Chhath Puja 2025: छठ पूजा का उपवास बहुत ही ज्यादा कठिन और पवित्र होता है. गौरतलब है कि 4 दिनों के पर्व में 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है, जिसके कारण शरीर में कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है.तो ऐसी स्थिति में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप छठ पूजा के दौरान ये 3 उपाय कर सकते हैं.

कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में चतुर्थी से प्रांरभ होकर चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है. संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखे जाने वाले इस पावन व्रत को करने के लिए चार दिनों तक कठिन नियमों का पालन करना होता है.वहीं खरना के साथ छठ पूजा के 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होता है.

बढ़ती उम्र, कमजोरी और बीमारियों के कारण 36 घंटे का निर्जला व्रत रख पाना सब के लिए संभव नहीं है. अगर आप किसी कारण बस छठ का व्रत नहीं रख पा रहे हैं. तो ऐसी स्थिति में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप छठ पूजा के दौरान कुछ खास उपाय करते हैं तो आपको माता छठी और भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है .

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पूजा विधि विधान पूर्वक करने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती है .अगर आप छठ पूजा का व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में छठ पूजा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. घर की सफाई करनी चाहिए और फिर घर के मंदिर में एक चौकी पर भगवान सूर्य की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए .

सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उसे मुख पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. इसके बाद भगवान सूर्य को गंगाजल, वस्त्र, अक्षत, धूप, दीप, लाल फूल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए. इसके बाद माता छठी का अंश स्मरण करते हुए अपनी गलतियों को स्वीकार कर भगवान सूर्य और माता छठी से प्रार्थना करनी चाहिए. ऐसा करने से घर-परिवार में सुख, शांति बनी रहती है और माता छठी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

छठ पूजा के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए तांबे के लोटे से जल अर्पित किया जाना चाहिए और भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही छठी माता का स्मरण करते हुए बहते पानी में कच्चे चावल और गुड़ प्रवाहित करना चाहिए. ऐसा करने से घर-परिवार में खुशियों और समृद्धि का आगमन होता है.

यदि आप माता छठी और भगवान सूर्य को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो छठ पर्व के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए. ऐसा करने से कई प्रकार के पुण्य प्राप्त होते हैं, समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और माता छठी एवं भगवान सूर्य की विशेष कृपा हासिल होती है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

ढलती उम्र में 36 घंटे का निर्जला व्रत बना पहाड़… झटपट करें ये 3 उपाय!

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version