दरभंगा: सूर्य उपासना व्रत छठ जिसे बिहार में सबसे ज्यादा मान्यता दी जाती है. इस व्रत में सूर्य भगवान को अर्घ दिया जाता है लेकिन उसका भी मुहूर्त होता है और उस शुभ मुहूर्त में ही भगवान सूर्य को अर्घ दी जाती है. कहा जाता है कि यह सूर्य उपासना का पर्व है और इस पर्व के करने से कई सारी रोगों से भी मुक्ति लोगों को मिल जाती है.
इस पर जानकार बताते हैं कि 5 नवंबर को नहाए खाए व्रत किया जाएगा, वहीं 6 नवंबर को खरना किया जाएगा. 7 नवंबर को संध्या अर्ध दान किया जाएगा और 8 तारीख को प्रातः कालीन अर्धन किया जाएगा. मिथिलांचल में 5:00 से लेकर 5:30 तक संध्या आर्ग दिया जाएगा वहीं प्रातः कालीन अर्घ के लिए अरुणोदय काल से दो घंटा तक उत्तम मुहूर्त है इस पर स्थित जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के एचओडी डॉ कुणाल कुमार झा बताते हैं कि यह सूर्य उपासना का व्रत है और इसमें संयंत्र बहुत विशेष कर है इस बार 5 नवंबर को नहाए खाए होगा यानी स्नान करके संयम से जितने व्रत करने वाले लोग हैं वह उस दिन जो पुरुष वर्ग होते हैं वह एक भुक्त करते हैं और जो महिला वर्ग होती है शुद्ध आहार ग्रहण करती हैं और 6 नवंबर को छठ व्रत करने वाली महिलाएं वह एक भुक्त करेगी.
प्रातः कालीन अर्ध किया जाएगा दान
6 नवंबर को खरना मनाया जाएगा, खरना करने के बाद व्रत करने वाले लोग जल ग्रहण तक नहीं करते हैं. 7 नवंबर को संध्या कालीन अर्घ दान किया जाएगा. वहीं 8 नवंबर को प्रातः कालीन अर्ध दान किया जाएगा. प्रातः कालीन अर्घ में इस बार कोई संशय नहीं है क्योंकि सप्तमी जो है वह रात में ही 9:13 के बाद सप्तमी तिथि का आगमन हो जाता है जो कि अगले दिन 8 तारीख को रात के 8:09 तक रहेगा. इसलिए सप्तमी तिथि में प्रातः कालीन अर्ध दान किया जाता है. जो कि इस बार शुभ संयोग है.
FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 14:04 IST
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