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Chhath Puja 2025 Niyam: छठ पूजा में भगवान भास्कर और छठी मईया की पूजा की जाती है. अगर आपको भी छठ पूजा करनी और उपवास रखना है तो इसके जरूरी 10 नियमों को जान लें. आइए जानते हैं छठ पूजा के नियमों के बारे में.
Chhath Puja 2025 Niyam: छठ पूजा का प्रारंभ आज 25 अक्टूबर शनिवार से हुआ है. छठ पूजा में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. छठ महापर्व में भगवान भास्कर और छठी मईया की पूजा की जाती है. छठ पूजा के व्रत में कई नियमों का ध्यान रखा जाता है, जिसमें 10 नियम बहुत ही जरूरी हैं. अगर आपको भी छठ पूजा करनी और उपवास रखना है तो इसके नियमों को जान लें. ऐसा न हो कि आपकी गलती की वजह से व्रत टूट जाए और उसका पूरा फल आपको प्राप्त न हो. आइए जानते हैं छठ पूजा के नियमों के बारे में.
छठ पूजा के नियम
- छठ पूजा का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता है क्योंकि इसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. इसमें जल और अन्न का सेवन वर्जित है.
- छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय है. इस दिन व्रत और पूरे परिवार के सदस्य सात्विक भोजन करते हैं. मांसाहार, लहसुन, प्याज आदि वर्जित है.
- नहाय खाय के दिन व्रती को चने की दाल, अरवा चावल का भात और कद्दू की सब्जी खानी चाहिए. खाने में सेंधा नमक का सेवन करें.
- छठ पूजा का दूसरा दिन खरना है. खरना को व्रती उपवास रहते हैं. मिट्टी के चूल्हे पर छठ पूजा का प्रसाद बनता है, जिसमें ठेकुआ प्रसिद्ध है. इस शाम रोटी और गुड़ वाली खीर बनाकर व्रती को खाना होता है.
- छठ पूजा का प्रसाद बांसी की नई टोकरी, डगरा या दउरा में रखते हैं. सूर्य देव की पूजा के लिए सूप या थाल का उपयोग करते हैं. ये सब नए होने चाहिए.
- छठ पूजा और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों में साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखते हैं. व्रती को नए कपड़े पहनने चाहिए.
- छठ पूजा और व्रत में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें. लोभ, मोह, क्रोध, घृणा आदि नकारामक बातों से स्वयं को दूर रखें. व्रती को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. जमीन पर चटाई बिछाकर सोना चाहिए.
- जब छठी मईया को प्रसाद का भोग लगा लें, उसके बाद ही किसी को दें, उससे पहले खा लिया तो वह जूठा हो जाता है.
- छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य है. शाम को बांस के सूप में फल, ठेकुआ, कसार यानि चावल के लड्डू आदि रखकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी मईया की पूजा करते हैं. रात में छठी मईया का गीत और कथा सुनते हैं.
- छठ पूजा का चौथा दिन है उषा अर्घ्य. उस दिन प्रात:काल में व्रती घाट पर जाते हैं. वहां उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. उसके बाद प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण होता है. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत खत्म होता है.
कार्तिकेय तिवारी
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
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