छठ महापर्व, जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और गोड्डा सहित देश के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, सूर्य देवता की उपासना का पर्व है. इस पर्व पर लोग उगते और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. परंपरागत रूप से, इस पूजा के दौरान विशेष फलों और जड़ों का उपयोग किया जाता है जिन्हें सूप में सजाकर सूर्य देव को चढ़ाया जाता है. महागामा के पंडित सतीश झा के अनुसार, इन फलों का धार्मिक और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से विशेष महत्व है. सूप में शामिल होने वाले ये प्रसाद न केवल पूजन की पवित्रता को बढ़ाते हैं बल्कि बदलते मौसम में स्वास्थ्य को भी लाभ पहुँचाते हैं.
छठ के प्रसाद का महत्व:
छठ पूजा का प्रसाद विशेष रूप से प्राकृतिक फल, जड़ें और औषधीय गुणों वाले खाद्य पदार्थों से तैयार होता है. यह प्रसाद शुद्ध, सात्विक और मौसम के अनुकूल होता है, जो ठंड के मौसम में शरीर को मजबूत बनाता है और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह प्रसाद सूर्य देव के प्रति श्रद्धा और प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक भी है. कार्तिक माह में होने वाले इस पर्व का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की उपासना करना और अपनी जीवनशैली में सात्विकता को अपनाना है. इसके अलावा, पौराणिक मान्यता यह भी है कि छठ पूजा करने से व्यक्ति को स्वस्थ, समृद्धि और संतुलित जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
छठ प्रसाद में शामिल फलों और जड़ों के स्वास्थ्य लाभ:
त्रिफला: त्रिफला तीन औषधीय फलों – हरड़, बहेड़ा, और आंवला का मिश्रण है. इसे सूप में शामिल करने का मुख्य कारण इसका विषाणु रोधक गुण है. त्रिफला शरीर में संक्रमण को रोकने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. यह श्वसन तंत्र को भी मजबूत बनाता है, जो ठंड के मौसम में विशेष लाभकारी है.
आंवला: आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है जो शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है. बदलते मौसम में, आंवला सर्दी-जुकाम और संक्रमण से बचाव करता है. इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और त्वचा को भी लाभ मिलता है.
पानी फल: यह मौसमी फल पोटैशियम से भरपूर होता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है. ठंड के मौसम में पानी फल लकवा और हृदय रोगों से बचाव में सहायक है. छठ पूजा में इसे चढ़ाने से न केवल धार्मिक बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं.
कच्चा हल्दी: कच्ची हल्दी में प्राकृतिक गुण होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने और गठिया व अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में सहायक होते हैं. इसके सेवन से हृदय रोगों का खतरा ठंड के मौसम में नियंत्रित रहता है और शरीर में गर्मी बनी रहती है.
सुथनी: सुथनी, जो एक प्रकार की जड़ है, फाइबर, आयरन, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती है. यह शरीर को पोषण देती है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. सुथनी का सेवन सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है.
मूली और पत्ते: मूली पाचन में सहायक होती है और इसके पत्तों में भी कई पोषक तत्व होते हैं. मूली का सेवन भोजन को पचाने में सहायक होता है और यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. मूली के पत्तों को सांग कहा जाता है, जो भी पाचन के लिए फायदेमंद होते हैं.
छठ महापर्व के दौरान प्रसाद का वैज्ञानिक महत्व:
छठ पूजा के प्रसाद में शामिल सभी तत्व मौसम और स्वास्थ्य के अनुकूल होते हैं. जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, इन फलों और जड़ों का सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. छठ महापर्व में इन प्रसादों का उपयोग न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से किया जाता है, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक है.
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 13:14 IST
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