Sunday, October 5, 2025
25.5 C
Surat

Chitrakoot News : चित्रकूट में यहां महर्षि मार्कंडेय की तपोस्थली, यहीं उनकी ससुराल, जानें राम से कनेक्शन


Last Updated:

Maharishi Markandeyas Ashram : चित्रकूट मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ये आश्रम सदियों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता आया है. आश्रम में एक प्राचीन कुंड भी है, जो ब्रह्मा जी के कमंडल से निकला था. कितनी भी गर्मी पड़े, कभी नहीं सूखता.

चित्रकूट. भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध मानी जाती है. इसी पवित्र स्थल पर स्थित महर्षि मार्कंडेय आश्रम आज भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र बन चुका है. चित्रकूट जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह आश्रम सदियों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता आ रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम जब माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान चित्रकूट आए थे, तब वे कुछ समय के लिए महर्षि मार्कंडेय आश्रम में भी ठहरे थे. राम ने इस स्थल पर भगवान शिव की आराधना की थी. इसके बाद से यह स्थान अपने आप में एक प्रसिद्ध स्थान हो गया.

इसलिए यहां की थी तपस्या

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रकूट मार्कंडेय ऋषि के पिता की जन्मभूमि मानी जाती है. कहा जाता है कि महर्षि मार्कंडेय का विवाह भी चित्रकूट क्षेत्र के एक छोटे से गांव में हुआ था. विवाह होने के पहले ही वह बनारस से लगभग 50 किलोमीटर दूर गए और फिर पुनः चित्रकूट लौट आए, जहां उन्होंने घोर तप में लीन होकर ईश्वर साधना की. आश्रम परिसर में एक प्राचीन कुंड भी है जिसे स्वयं वाल्मीकि ऋषि ने अपने हाथों से खोदा था. कहा जाता है कि ब्रह्मा जी के कमंडल से यहां जल निकला था. यह कुंड आज भी कभी नहीं सूखता, चाहे गर्मी कितनी भी पड़ जाए.

चिरंजीवी होने का वरदान

मंदिर के पुजारी के अनुसार, महर्षि मार्कंडेय को जन्म के समय केवल 11 वर्षों की आयु का वरदान मिला था, जब उन्हें इसका ज्ञान हुआ, तो उन्होंने मृत्यु से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप आरंभ किया था. उनकी कठोर तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया था. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने इस आश्रम में हजारों वर्षों तक जल समाधि लेकर तप किया थी. आश्रम की गुफा में स्थित हवन कुंड की भस्म आज भी गर्म रहती है. श्रद्धालु इसे प्रसाद स्वरूप अपने साथ ले जाते हैं. मान्यता है कि यह भभूति मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक कष्टों से मुक्ति दिलाती है.

authorimg

Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

यूपी में यहां मार्कंडेय की तपोस्थली, यहीं उनकी ससुराल, जानें राम से कनेक्शन

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img