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Chitrakoot Amavasya Mela : चित्रकूट में पितृ पक्ष की अमावस्या बेहद खास होती है. इस जगह का कनेक्शन प्रभु श्रीराम से है. वे यहां सीता और लक्ष्मण के साथ लंबे समय तक रहे. अपने पिता महाराज दशरथ की प्रथम पिंडदान यहीं किया.
दशरथ का पिंडदान
चित्रकूट के पुजारी मोहित दास ने बताया कि चित्रकूट के इस मेले का महत्त्व गया जी से कम नहीं माना जाता. मान्यता है कि मंदाकिनी में स्नान कर पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और श्रद्धालु को गया जी के समान पुण्य फल मिलता है. मंदाकिनी नदी का पवित्र जल न केवल पितरों की तृप्ति करता है, बल्कि भक्तों के पाप भी धो देता है. यही कारण है कि हजारों लोग प्रयागराज और दूसरे स्थानों से भी चित्रकूट पहुंचते हैं. प्रयागराज भी अपना पाप धोने चित्रकूट की मां मंदाकिनी नदी में आते हैं. इस लिए इस नदी का चित्रकूट में विशेष महत्त्व है.

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
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