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रमजान के महीने में मिसवाक से दांत साफ करना सुन्नत करार दिया गया है. दरअसल माहे रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है. एक मार्च से तराबी शुरू हो जाएगी. वहीं 2 मार्च से रोजा रखा जाएगा और 31 मार्च तक यह महीना चलेगा…और पढ़ें

रमजान के महीने में आखिर क्यों मिसवाक और नीम के दातुन की बढ़ जाती है डिमांड
हाइलाइट्स
- रमजान में मिसवाक से दांत साफ करना सुन्नत माना गया है.
- मिसवाक और नीम के दातुन की डिमांड रमजान में बढ़ जाती है.
- मिसवाक से दांत स्वस्थ रहते हैं और मुंह की बदबू खत्म होती है.
सहरसा:- इस्लाम धर्म में सबसे पाक महीना रमजान का महीना माना जाता है.एक महीने तक चलने वाला रमजान का महीना आखिर क्यों इतना खास है. वहीं इस महीने में मिसवाक से दांत साफ करना क्यों सुन्नत करार दिया गया है. आखिर क्यों मिसवाक और नीम के दातुन से दांत साफ किया जाता है. इस खबर में हम आपको पूरी जानकारी देंगे और सहरसा के हटिया गाछी स्थित मस्जिद के इमाम कारी नुरुल्लाह रहमानी से विस्तार पूर्वक जानकारी लेंगे.
इस तारीख से माहे रमजान का पाक महीना शुरू
दरअसल इस्लाम में रमजान के महीने में मिसवाक से दांत साफ करना सुन्नत करार दिया गया है. दरअसल माहे रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है. एक मार्च से तराबी शुरू हो जाएगी. वहीं 2 मार्च से रोजा रखा जाएगा और 31 मार्च तक यह महीना चलेगा, जिसमें 30 दिन मुस्लिम समाज के लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत करेंगे. वहीं इस 30 दिन के रोजे के दौरान दो से तीन दातुन की डिमांड बढ़ जाती है. रोजेदार इस दातुन का इस्तेमाल करते हैं.
हालांकि, दांत साफ के लिए दूसरे तरह के दातून का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन मिसवाक के इस्तेमाल को सुन्नत माना गया है. इस्लाम में सुन्नत उन्हें कहा जाता है, जो काम पैगंबर मोहम्मद ने किए हैं. पैगंबर साहब रमजान में मिसवाक से ही अपने दांत साफ करते थे. यही वजह है कि रमजान के महीने में मिसवाक का इस्तेमाल बढ़ जाता है.
दांत रहते हैं हमेशा स्वस्थ
मस्जिद के इमाम कारी नुरुल्लाह रहमानी ने Bharat.one को बताया कि मिसवाक के बारे में जानकारों का कहना है कि इसका इस्तेमाल करने से दांत हमेशा स्वस्थ रहते हैं. इसका लगातार इस्तेमाल करने से दांतों की पायरिया और अन्य बीमारियां ठीक हो जाती है. इसके अलावा इससे मुंह की बदबू भी खत्म हो जाती है और दांत हमेशा चमकते रहते हैं. इसके इस्तेमाल से बैक्टीरिया मर जाते हैं, तो वहीं शरीर की अन्य बीमारियां भी दूर होती हैं. जानकारों ने बताया कि रोजा रखने के दौरान रोजगार पूरे दिन खाली पेट रहते हैं, जिससे अंदर का गंद मुंह में चला आता है. उसे दूर करने के लिए मिसवाक व नीम के दातून का इस्तेमाल किया जा जाता है.
February 28, 2025, 20:46 IST
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.