Dhanteras Laxmi Kuber Puja Muhurat 2025: धनतेरस, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. हर साल दीपावली से दो दिन पहले आने वाली धनतेरस यानी धन त्रयोदशी का दिन हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. यही कारण है कि इस दिन को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है. धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू आदि खरीदने की परंपरा भी है. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी का घर पर आगमन होता है. आइए जानते हैं धनतरेस पर पूजा के उत्तम मुहूर्त के बारे में…
आयुर्वेद, ज्योतिष तथा पुराणों के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि का अवतरण हुआ था. इस दिन समुद्र मंथन से भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि अमृत कलश और औषधियाँ लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए यह दिन स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक है. धनतेरस पर मुख्यत: भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा शुभ मुहूर्त में करने का विधान है. समुद्र मंथन के समय जब देवता और दानव मंथन कर रहे थे, तब चौदह रत्न निकले. उन रत्नों में से एक भगवान धन्वंतरि थे जो अमृत कलश लेकर प्रकट हुए. उसी दिन को धनतेरस कहा गया.

धनतेरस पर पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त प्रदोष काल को माना जाता है. इस समय स्थिर लग्न, खासकर वृषभ लग्न में पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे मां लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से विराजमान होती हैं.
प्रदोष काल – शाम 5 बजकर 48 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 7 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 11 मिनट तक
धनतेरस कुबेर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2025
शाम 7 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 2025 – देर रात 1 बजकर 27 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक.
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त 2025 – दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से अगली सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक.

धनतेरस चौघड़िया मुहूर्त 2025
सामान्य: 12:06 – 1:32 बजे
लाभ-अनुकूल: 1:32 – 2:57 बजे
अमृत-अनुकूल: 2:57 – 4:23 बजे
लाभ-अनुकूल: 5:48 – 7:23 बजे
शुभ-अनुकूल: 8:57 – 10:32 बजे
अमृत-अनुकूल: 10:32 – 12:06 बजे
सामान्य: 12:06 – 1:41 बजे
लाभ-अनुकूल (19 अक्टूबर): 4:50 – 6:24 बजे