Last Updated:
Divine Signs : श्री कृष्ण के अनुसार, जो व्यक्ति बिना डर और चिंता के अपने कार्य में लगा रहता है, दूसरों की बुराई नहीं करता, ईश्वर की भक्ति करता है और समाज की सेवा करता है, वह साधारण नहीं, विलक्षण शक्ति है.

दूसरों की बुराई न करने वाले व्यक्ति को ईश्वरी कृपा प्राप्त होती है.
हाइलाइट्स
- बिना डर और चिंता के कार्य करने वाले व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होते हैं.
- ईश्वर की भक्ति और समाज सेवा करने वाले व्यक्ति विलक्षण होते हैं.
- दूसरों की बुराई न करने वाले व्यक्ति को ईश्वरी कृपा प्राप्त होती है.
Divine Signs : अगर किसी मनुष्य को उसके जीवन में यह संकेत मिलते हैं तो वह कोई साधारण मनुष्य नहीं है. यह तो सभी जानते हैं कि इस ब्राह्मण्ड के कण कण में ईश्वर का बास है.हर स्थान पर ईश्वर मौजूद है.यहां तक कि हमारे अंदर भी ईश्वर का ही बास है. भगवान भले ही प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देते हैं, किंतु हमें उनकी मौजूदगी का एहसास होता है.ऐसे संकेत यदि किसी व्यक्ति के अंदर दिखाई देते हैं वह कोई साधारण मानव नहीं बल्कि कोई विलक्षण शक्ति है. श्री कृष्ण ने ऐसे मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ कहा है. क्योंकि साधारण मनुष्य में ऐसे लक्षण नहीं होते हैं. ऐसे व्यक्तियों के अंदर जन्म से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं. ऐसे व्यक्ति जब बड़े हो जाते हैं तो संसार में यश-कीर्ति प्राप्त करते हैं.आइये जानते हैं किन लक्षणों से व्यक्ति विलक्षण हो जाता है.
Radha Rani: किस उद्देश्य के लिए हुआ था राधा रानी का अवतार? उनके पिता ने कब मांगा था वरदान, जानें पौराणिक कथा
- भगवान श्री कृष्ण कहते हैं जो मनुष्य किसी भी कार्य को कर करते समय बिल्कुल भी नहीं डरता है और वह मौसम, परिस्थितियों आदि की बिल्कुल भी चिंता नहीं करता है.पूरी मेहनत और परिश्रम से वह अपने लक्ष्य पर बढ़ता जाता है. कितना भी बड़ा संकट हो वह व्यक्ति अपने कार्य को कभी बीच में नहीं छोड़ता है. भले-बुरे की चिंता किए बिना बिना विचलित हुए यह व्यक्ति अपने कार्य में लगा रहता है. इस व्यक्ति को खुद पर एवं ईश्वर पर संपूर्ण विश्वास होता है.
- जिस व्यक्ति के अंदर विलक्षण प्रतिभा होती है, ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा व्यक्ति कभी जीवन में दूसरे व्यक्ति की बुराई नहीं करता है. निंदा, चुगली, कपट, छल आदि प्रपंचो से वह व्यक्ति दूर रहता है. ऐसे व्यक्ति को ईश्वरी कृपा प्राप्त होती है.
- ऐसा व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों से बचा हुआ समय ईश्वर की भक्ति, आराधना और नाम जप में व्यतीत करता है. ईश्वर को ही सत्य मानते हुए उसकी अनुभूति करता है. ऐसे व्यक्ति के आसपास ईश्वरी शक्ति का एक पवित्र घेरा बना रहता है. इस वजह से उसे ईश्वर का आभास होता रहता है.
- ऐसा जातक समाज के प्रति अपना दायित्व समझते हुए पुण्य प्रताप के कार्य करता रहता है. आपदा एवं विपदा में मुसीबत में फंसे लोगों की, गरीब,लाचार, विकलांग व्यक्तियों की मदद करता रहता है.
- ऐसा व्यक्ति कभी किसी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं करता है. ना ही किसी अन्य व्यक्ति का धन हड़पता है. समर्थ होते हुए भी वह कभी अत्याचार और पाप कर्म ना करके अपना जीवन दूसरों की भलाई में लगाता है.ना किसी की अजीविका पर चोट करता है. ना किसी जीव से घृणा करता है.
- ऐसे जातक को किसी भी घटना का पूर्वाभास पहले से हो जाता है. यदि भविष्य में कुछ भी अच्छा या बुरा होने वाला होता है तो ऐसे जातक को उसके बारे में पहले से ही पता चल जाता है.
March 04, 2025, 12:46 IST
भगवान श्री कृष्ण के अनुसार सर्वश्रेष्ठ मनुष्य के लक्षण