दीपावली का उल्लास घर-घर में देखने को मिलता है. इस पर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है. सामान्यतः दीपावली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर अयोध्या लौटने का दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व के समय अनेक विशेष नियमों का पालन किया जाता है.
दीपावली पर गोपूजा और तेल स्नान का महत्त्व
दीपावली के समय गोपूजा का विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही तेल स्नान का भी अधिक महत्त्व है. इस दिन तेल स्नान करना अनिवार्य माना जाता है, जिससे कई लाभ मिलते हैं. इस दिन ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए. यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है, तो स्नान के जल में कुछ वस्तुएँ डालने से सभी प्रकार के समाधान मिल सकते हैं. नीचे उन वस्तुओं की जानकारी दी जा रही है.
सूर्य ग्रह का प्रभाव
यदि आपकी कुंडली में सूर्य का अशुभ प्रभाव है, तो स्नान के समय जल में कुंकुम, इलायची, देवदार का चूर्ण, लाल फूल और अंगूर का रस मिलाना चाहिए. इस जल से स्नान करने से सूर्य के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और सूर्य के प्रभाव से हर तरह से लाभ होता है.
मंगल ग्रह के दोष
यदि कुंडली में मंगल ग्रह का दोष हो, तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, विशेषकर वैवाहिक जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं. कुंडली पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो, तो स्नान के जल में लाल चंदन, बेल पत्तियाँ और गुड़ मिलाने से अद्भुत लाभ मिलते हैं.
बुध ग्रह का प्रभाव
कुंडली में बुध ग्रह सही स्थान पर न हो तो व्यापार में समस्याएँ आ सकती हैं, जिसका प्रभाव वाणी और चतुराई पर भी पड़ता है. बुध ग्रह के लाभ पाने के लिए स्नान के जल में चावल और जायफल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इससे लाभकारी परिणाम मिलते हैं, और बुध से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी होता है.
विशेष निर्देश
जीवन में कठिनाइयाँ सामान्य हैं, और इसके पीछे कभी-कभी ग्रहों का प्रभाव भी होता है. यदि ज्योतिष पर विश्वास है और समाधान चाहते हैं, तो हमारे ज्योतिषी आपकी सहायता के लिए तत्पर हैं. अपनी कुंडली की जानकारी और शुभ मुहूर्त जानने के लिए +91 6304 923 023 पर व्हाट्सएप करें. जन्मतिथि, नक्षत्र, राशि, स्थान और अपना नाम भेजें.
शुक्र ग्रह का प्रभाव
यह ग्रह संपत्ति और सुख प्रदान करने वाला माना जाता है. यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो, तो आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए दीपावली के समय स्नान में सफेद इलायची, कुंकुम, सफेद चंदन और दूध मिलाकर स्नान करने से इन समस्याओं का समाधान मिलता है.
शनि ग्रह का न्याय
शनि को न्याय का देवता माना जाता है, और यह हमारे कर्मों के अनुसार फल देता है. यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, तो एक के बाद एक समस्याएँ आती हैं. शनि का क्रोध अधिक न हो, इसलिए स्नान के जल में काले तिल, सुगंध, सौंफ और शमी वृक्ष का चूर्ण मिलाकर स्नान करना चाहिए.
चंद्र ग्रह का स्वास्थ्य पर प्रभाव
यदि कुंडली में चंद्र कमजोर हो, तो स्वास्थ्य समस्याएँ और घरेलू कलह हो सकती हैं. इसीलिए स्नान के जल में पंचगव्य, सफेद चंदन और सफेद फूल मिलाकर स्नान करने से पर्याप्त लाभ मिल सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 15:41 IST