वाराणसी: दीप और खुशियों के महापर्व दिवाली का उत्सव वैसे तो हर बार 5 दिनों तक मनाया जाता है. इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. लेकिन इस बार तिथियों में हेरफेर के कारण इस बार ‘पंच पर्व’ का उत्सव 6 दिनों तक मनाया जाएगा. 29 अक्टूबर से इसकी शुरुआत होगी जो 3 नवंबर को भैया दूज के साथ समाप्त होगा.
काशी के ज्योतिषी स्वामी कन्हैया महाराज ने Bharat.one को बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से इस पंच पर्व की शुरुआत होती है. पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन भगवान धन्वंतरि के पूजन का भी विधान है. धनतेरस के अगले दिन चतुर्दशी तिथि को यम चतुर्दशी होता है. इस दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है.
कब है दिवाली?
स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इसके अलगे दिन यानी 31 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का पर्व मनाया जाता है. जिसमें दीपों की असंख्य माला लोग घर और मंदिरो में सजाते हैं और रात्रि में गणेश लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. प्रदोषव्यापिनी अमावस्या में इस पूजा का विधान है.
कब मनाया जाएगा अन्नकूट?
स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि दिवाली के अगले दिन भी अन्नकूट होता है लेकिन तिथियों के हेर फेर के कारण अन्नकूट का उत्सव इस बार 2 नवंबर को मनाया जाएगा. उसके बाद भैया दूज का पर्व होगा और यही से इस पंच पर्व का समापन होगा. भैया दूज पर बहनें अपने भाइयों के लम्बी आयु की कामना के लिए पूजा करती है और गोबर का गोवर्धन बनाकर कथा सुनती है.
पंच पर्व का कैलेंडर
29 अक्टूबर 2024- धनतेरस,धन्वंतरि पूजा
30 अक्टूबर 2024- यम चतुर्दशी
31 अक्टूबर 2024- दीपावली
2 नवम्बर 2024- अन्नकूट
3 नवम्बर 2024- भैया दूज
FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 16:54 IST