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Ekadashi 2025 : इस साल गजब संयोग…दो दिन होगी हरि प्रबोधिनी एकादशी, जानें मुहूर्त और चमत्कारी फायदे


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Hari Prabodhini Ekadashi 2025 : इस साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी 2 दिन तक मनाई जाएगी. एक संवत में 24 एकादशियां होती हैं, इनमें हरि प्रबोधिनी का महत्त्व सबसे ज्यादा है. इस दिन व्रत रखने से जीवन की में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. विष्णु भगवान माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.

हरिद्वार. हिंदू धर्म में एकादशी हमेशा से पवित्र और पूजनीय मानी जाती रही है. वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2025 में कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी 2 दिन तक मनाई जाएगी. एक संवत में 24 एकादशियां होती हैं, जिनका अपना अलग-अलग महत्त्व बताया गया है. इन सभी 24 एकादशी में हरि प्रबोधिनी यानी देवोत्थान एकादशी का सबसे अधिक महत्त्व होता है. एकादशी का व्रत करने से जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और विष्णु भगवान माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. रुके हुए सभी कार्य पूर्ण होते हैं और जीवन भर सफलता प्राप्त होती है. यह व्रत करने और पूजा पाठ आदि करने से मोक्ष आदि की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता है.

संतों को अक्षय फल, गृहस्थों को पूरा लाभ

हरिद्वार के पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल 2025 में हरि प्रबोधिनी एकादशी दो दिन तक मनाई जाएगी. गृहस्थ जीवन यापन वाले और वैष्णव यानी साधु संतों को इस एकादशी का संपूर्ण फल प्राप्त होगा. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर से शुरू होगी जो 2 नवंबर तक रहेगी. 1 नवंबर को स्मार्त यानी गृहस्थी में रहने वाले साधकों की ओर से एकादशी का व्रत करने पर इसका संपूर्ण फल प्राप्त होगा और जीवन भर कार्यों में बाधा, समस्याएं नहीं आएंगी. 2 नवंबर को वैष्णव संप्रदाय यानी साधु संतों की ओर से यह व्रत करने पर उन्हें अक्षय फल की प्राप्ति होगी.

संभालेंगे सृष्टि का संचालन

पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि सभी 24 एकादशी में हरि प्रबोधिनी एकादशी का सबसे अधिक महत्त्व इसलिए भी होता है क्योंकि भगवान आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष में होने वाली देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीने तक क्षीर सागर में आराम करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की हरि प्रबोधिनी, देवउठनी या देवोत्थान एकादशी को सृष्टि के संचालन की सत्ता संभाल लेते हैं. इस दिन कोई भी कार्य बिना किसी मुहूर्त के कर सकते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का समय 1 नवंबर को सुबह 9:12 बजे से शुरू होगा जो 2 नवंबर की सुबह 7:32 तक रहेगी. वैदिक पंचांग के अनुसार, उदया तिथि 2 नवंबर को होगी इसलिए 2 नवंबर को इसका व्रत वैष्णव संप्रदाय के साधु संतों की ओर से करने पर संपूर्ण फल मिलेगा.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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इस साल गजब संयोग…दो दिन होगी हरि प्रबोधिनी एकादशी, जानें मुहूर्त और फायदे

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