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Ekadashi Vrat: शुभाशुभ योग में कामदा एकादशी व्रत कल, विष्णु पूजा में करें ये सरल उपाय, श्रीहरि नहीं होने देंगे अमंगल


Ekadashi 2025 Vrat Upay: साल 2025 में कई व्रत एवं त्योहार पड़ रहे हैं. इसमें कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार को रखा जाएगा. यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस एकादशी का व्रत रखकर विष्णु पूजा करने से भक्तों के पाप मिटते हैं और मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं. इस बार कामदा एकादशी के दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. जोकि, किसी भी साधक के लिए शुभता का संकेत है. इस दिन श्रीहरि की पूजा के समय कुछ उपाय आपके जीवन के लिए अधिक फलदायी हो सकते हैं. अब सवाल है कि आखिर एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है? श्रीहरि की कृपा पाने के लिए एकादशी पर क्या उपाय करें? इस बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

कामदा एकादशी 2025 मुहूर्त और शुभ योग

चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि का शुभारंभ 7 अप्रैल दिन सोमवार रात 08 बजे से 08 अप्रैल दिन मंगलवार रात 10:55 बजे समाप्त हो जाएगा. ऐसे में कामदा एकादशी पर पूजा का मुहूर्त सुबह 06:03 बजे से सुबह 7:55 बजे तक रहेगा. वहीं, ब्रह्म मुहूर्त 04:32 एएम से 05:18 एएम तक रहेगा. साथ ही, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6:03 बजे से सुबह 7:55 बजे तक है. इसके साथ ही, कामदा एकादशी व्रत का पारण समय 9 अप्रैल, बुधवार, सुबह 6:02 बजे से सुबह 8:34 बजे के बीच रहेगा.

एकादशी का व्रत क्यों करें

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, एकादशी करने वालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं. इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है. इसके अलावा, धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है और कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है .

एकादशी व्रत का महत्व

पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ. भगवान शिवजी ने नारद से कहा था कि, एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है. एकादशी के दिन किए हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है.

एकादशी व्रत के सरल उपाय

दान करें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, एकादशी पर जरूरतमंदों को दान करना अधिक फलदायी है. कहा जाता है जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है. यानी, जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान और अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है.

विष्णु सहस्त्र पढ़ें: एकादशी के दिन दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें. विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें. वहीं, अगर घर में झगड़े होते हैं, तो वे शांत हों जाएं ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें. ऐसा करने से घर के झगड़े शांत हो जाते हैं.

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